रिपोर्ट – विनोद शर्मा
चित्रकूट – बीते 10 अगस्त को चित्रकूट की कामदगिरि परिक्रमा मार्ग के खोहीं से यू पी एस टी एफ द्वारा गिरफ्तार किया गया कानपुर बिकरु कांड का शह आरोपी और पचास हजार रुपए का ईनामी बाल गोबिंद दुबे उर्फ लालू दुबे दरअसल जानकी कुण्ड के फलाहारी आश्रम में आठ दिनों तक रुका हुआ था। और 10 तारीख को जब वह कामदगिरि की परिक्रमा कर रहा था,उस दौरान उसे यू पी एस टी एफ गिरफ्तार करके ले गई थी। मंदिर के महंत कुंज बिहारी शरण के अनुसार बाल गोबिंद दुबे को आश्रम का शिष्य शांति शरण उर्फ सत्य नारायण 2 अगस्त को आश्रम में लेकर आया था। आते समय बाल गोबिंद दुबे ने अपना नाम राजू तिवारी निवासी मैनपुरी बताया था। यह पूछे जाने पर कि आपके द्वारा उससे आई डी क्यों नहीं मांगी गई, जिस पर महंत कुंज बिहारी शरण ने बताया कि आई डी मांगी गई थी, जिस पर उसने फोटो कापी करवाकर देने की बात कही थी। लगातार आठ दिनों तक मंदिर में बिना किसी जानपहचान और अपनी आई डी दिखाए एक शातिर अपराधी यहां पर रुका रहा,लेकिन इस मंदिर के कर्ताधर्ताओं ने यह भी जानना जरूरी नहीं समझा कि यह कौन है और कहां से आया है।अब जहां यू पी एस टी एफ द्वारा बाल गोबिंद दुबे की गिरफ्तारी की बात सुनते ही महंत जी के चेहरे पर हवाइयां उड़ रही है तो वहीं धर्म नगरी चित्रकूट में तमाम मंदिर मठ ऐसे हैं कि यदि पुलिस एवं प्रशासनिक अमला गहराई से इनकी जांच करे तो पता नहीं अभी और कितने बाल गोबिंद दुबे उर्फ लालू दुबे जैसे शातिर अपराधी यहां से निकलेंगे।