रायबरेली। मुख्यमंत्री द्वारा अधिकारियों को हिदायत दी गई थी कि अकारण मुख्यालय पर न जाएं। मुख्यमंत्री के इस निर्देश का जिले में पालन नही हो रहा था, जिस पर जिलाधिकारी ने बड़ी कार्यवाही करते हुए सभी के बंगले जो मुख्यालय में निवास कर रहे थे उनके बंगलों को निरस्त कर दिया है।
आपको बताते चले कि तहसील, ब्लाक और थाने के प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों को रात में तैनाती स्थल पर न रुकना साफ जाहिर करता है कि मुख्यमंत्री का आदेशों का पालन जिले के अधिकारी नहीं कर रहे हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को रात में अपने तैनाती स्थल पर ही रुकने के सख्त निर्देश दिए थे।
अधिकारियों को हिदायत दी गई थी कि अकारण मुख्यालय पर न जाएं। मुख्यमंत्री के इस निर्देश के बाद भी आधे से ज्यादा अधिकारी अपने कैम्प कार्यालय में नहीं निवास कर रहे हैं।
वही बात करी जाए आबकारी विभाग की तो शायद ही कोई अधिकारी होगा जो अपने कैम्प कार्यालय में रात्री निवास करता होगा इसके पूर्व में जिलाधिकारी द्वारा आबकारी आयुक्त को एक पत्र लिखा गया था, जिस पर आबकारी आयुक्त ने इस मामले को गंभीरता से संख्या लेते हुए दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करने के निर्देश जारी किए थे, लेकिन जिले के आबकारी अधिकारी आयुक्त के आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं बल्कि अपने मनमर्जी तरीके से कार्य कर रहे।
जब इस पूरे मामले पर जिलाधिकारी से वार्ता करी गई तो जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि पूर्व में मैंने जिले के जो अधिकारी अपने कैम्प कार्यालय क्षेत्र में रहते हैं। रात्रि निवास अपने कैम्प कार्यालय में ही करेंगे और अगर कोई अधिकारी इसका पालन नहीं करता है तो उस पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
फिलहाल सबसे बड़ा सवाल यह है कि मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी के आदेश के बाद भी जिले के विभिन्न क्षेत्रों में जो भी अधिकारी ड्यूटी होती है वह शाम को अपने कैम्प कार्यालय छोड़ कर मुख्यालय के आवास पर आ जाते हैं अब देखने वाली बात यह होगी की ऐसे अधिकारियों पर उच्च अधिकारी क्या कार्यवाही करते है यह तो आने वाला वक़्त ही बताएगा।
- अनुज मौर्य