जिसकी मदद के लिए कोई नहीं-उसकी मदद के लिए है रायबरेली पुलिस

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रायबरेली-कहते हैं कि जिसका कोई नही होता उसका भगवान या खुदा होता हैं यूं तो आपने पुलिस के कई चेहरों के बारे में सुना होगा या पढ़ा होगा, लेकिन हम आपको यहां पुलिस के ऐसे चेहरे से रूबरू करा रहे हैं जिसे पढ़कर आप रायबरेली  पुलिस को सैल्यूट करेंगे। कोरोना वायरस तीसरी लहर पूरे देश में तेजी से फैल रही हैं शासन प्रशासन द्वारा सभी को सुरक्षित रहने की अपील की जा रही हैं तो वही रायबरेली पुलिस का एक ऐसा मानवीय चेहरा सामने आया है जिसकी तारीफ हर कोई कर रहा है। आपको बताते चले चाहे दिन हो या रात रायबरेली पुलिस लोगों की 24 घण्टे मदद कर रही है। ऐसा ही वाक्या बीती रात का हैं जब शहर कोतवाली क्षेत्र के सिविल लाइन स्थित ओवर ब्रिज के नीचे एक बुजुर्ग व्येक्ति बीच रोड पर लेटे होने की सूचना रायबरेली पुलिस को मिली,उसके पास एक नीले कलर का बैग भी मौजूद था अब आप सोच रहे होंगे आखिर बुजुर्ग व्यक्ति आखिर बीच रोड में लेटा हुआ क्यों था तो हम आपको बताते है दरसल बुजुर्ग व्येक्ति की तहकीकात करने पर पता चला कि बुजुर्ग व्येक्ति को किसी के द्वारा कोई नशीली चीज पिला या सुंघा दी गई थी जिससे बुजुर्ग व्येक्ति अर्ध अचेतावस्था में था दो पहिया,चार पहिया उसके बगल से फर्राटा भरते हुए निकल रही थी लेकिन कोई भी बुजुर्ग की मदद करने की तनिक सोच भी नही रहा था ऐसे में सवाल उठा अगर इस बुजुर्ग व्येक्ति को किसी वाहन ने टक्कर मार दी तो बड़ा हादसा भी हो सकता था या इस हाड़ कपकपाती ठंड में अगर उसे जल्द मदद न मिली तो भी उसके जीवन का खतरा मंडरा रहा था तभी अपना काम निबटा कर उस रोड की तरफ से लौट रहे एक नेक दिल इंसान ने जब बुजुर्ग व्येक्ति को देखा तो देर न करते हुए तत्काल रायबरेली पुलिस को पूरी घटना से अवगत कराया वही इसी बीच किसी पत्रकार साथी ने भी उच्च अधिकारियों को सम्बंधित मामले को अवगत करा दिया और बस फिर क्या था पवन मोबाइल ,शक्ति मोबाइल ,कंट्रोल रूम सब फुल एक्शन मोड़ पर आ गए और कुछ ही मिनटों में पुलिस की कई गाड़ियां बुजुर्ग की मदद के मौके पर पहुँच गई और तत्काल बुजुर्ग को बाइज्जत अपने वाहन में बैठा कर इलाज करवाने के लिए तत्काल जिला अस्पताल लेकर रवाना हो गई ,इस घटना से ये एक बार फिर ये साफ हो गया कि अक्सर लोग पुलिस की अच्छाई कम बुराई ज्यादा बताते हैं लेकिन जब कभी कोई भी व्येक्ति को मदद की जरूरत होती हैं सबसे पहले पुलिस ही मदद के लिए सबसे पहले पहुँचती हैं।

अनुज मौर्य रिपोर्ट्

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