सीपरी बाजार उपरिगामी पुल निर्माण की रेल संरक्षा आयुक्त से मिली हरी झंडी
राकेश कुमार अग्रवाल
झांसी । झांसी शहर में सीपरी बाजार स्थित रेल अन्डरपास के ऊपर से पुल निर्माण के रुके हुए कार्य को आखिरकार रेल संरक्षा आयुक्त ने हरी झंडी दे दी है।
रेलवे के लिए मुख्य तकनीकी चुनौती रेलवे लाइनों के ऊपर से 50 मीटर लंबे गर्डर लगाने की थी। इस कार्य के लिए आवश्यक 50 मीटर लंबे गर्डर वर्कशॉप से कार्यस्थल पर पहुंचने शुरू हो गए हैं। गर्डरों को सैंडब्लास्ट करने के पश्चात इन पर तरल अलुमिनियम की परत चढ़ाने का कार्य प्रगति पर है। तत्पश्चात एच प्राइमर व जिंक क्रोमेट पेंट किया जाएगा। इस तकनीक से भविष्य में जंग से बचाव रहेगा तथा गर्डरों की आयु दीर्घ होगी।
इन गर्डरों को लगभग 13 मीटर ऊंचाई पर रखने हेतु 660 टन क्षमता की क्रेन की आवश्यकता आँकी गई है। साथ ही ‘मिडास’ सॉफ्टवेयर से गर्डर रखने की प्रक्रिया में आने वाले स्ट्रेस की गणना के बाद, कुछ दिनों के लिए ट्रैक के बीच में टेम्परेरी सपोर्ट की आवश्यकता थी। इस सपोर्ट की एक टांग नीचे सड़क से तथा एक टांग ट्रैक के बीच में रहेगी। इस स्कीम को रेल संरक्षा आयुक्त की स्वीकृति मिल गई है।
अस्थाई सपोर्ट के लिए कंक्रीट की नींव बनाने, इसे खड़ा करने व गर्डर लॉन्च करने तक कुछ दिन के लिए अन्डरपास से यातायात प्रभावित रहेगा। स्थानीय प्रशासन के साथ मिल कर रेलवे कार्य की प्लानिंग की जाएगी ताकि आम जनता के लिए कम से कम समय के लिए यातायात प्रभावित रहे।
गर्डर अक्टूबर के प्रथम सप्ताह तक लॉन्च हो सकते हैं तथा उसके बाद कंक्रीट के स्लैब, रेलिंग इत्यादि की कास्टिंग हो कर यह पुल यातायात के लिए दिसंबर माह में खुल सकता है।
सीपरी बाजार रेल उपरिगामी पुल के निर्माण से पश्चिम क्षेत्र की जनता को आवागमन में अत्यधिक सुविधा प्राप्त होगी, सीपरी क्षेत्र में दोनों महत्वपूर्ण पुलों (कच्चा पुल तथा पक्का पुल) को जाम से निजात मिल जायेगा। क्षेत्र की जनता के लिए यह एक अति प्रतीक्षित परियोजना है जो पूर्ण होने जा रही है। काफी समय से निर्माणाधीन पुल के पूर्ण होने से स्कूली बच्चों को घंटों जाम में फंसे रहने से राहत मिलेगी।