५२०० टन क्षमता के साथ किया गया परीक्षण
राकेश कुमार अग्रवाल
झांसी। भारत सरकार की मेक इन इंडिया स्कीम के तहत एलस्टम कम्पनी द्वारा निर्मित 12000 हार्स पावर का रेल इंजन आज झांसी पहुंचा।
उत्तर मध्य रेलवे के झाँसी मंडल में इस लोकोमोटिव इंजन की क्षमता का भीमसेन से पारीछा तक 5200 टन की मालगाड़ी पर सफलता पूर्वक परीक्षण किया गया । इस लोको को झाँसी ट्रिप शेड में लाकर डाँसी मंडल के लोको पायलट, सहायक लोको पायलट, मैकेनिक स्टॉफ एवं मुख्य लोको निरीक्षकों के प्रशिक्षण हेतु खड़ा किया गया है । इस लोको में दोनों कैब वातानुकूलित है, कैब में लोको पायलट एवं सहायक लोको पायलट के कार्य के दौरान गतिविधियों पर नजर रखने के लिये सीसीटीवी एवं वॉयस रिकॉर्डर माइक्रोफोन लगाया गया है । इंजन क्रू को अपना सामान रखने के लिये अलग से अलमारी बनाई गयी है । इस लोको में रेल गार्ड की जगह स्टोन थ्रोअर का प्रावधान किया गया है जो कि रास्ते में यदि रेलवे लाईन पर कोई बड़ा पत्थर या अवरोध पाया जाता है तो स्टोन थ्रोअर उसको रेलवे लाईन से दूर फेंककर इंजन को डिरेलमेंट होने से बचायेगा। इस लोको की क्षमता अधिक होने से झाँसी मंडल के उतार – चढ़ाव वाले खंड में मालगाड़ियों के संचालन में आने वाली समस्यायें समाप्त होगी एवं मानूसन के मौसम में बिना बैंकर के हैवी लोड को सुचारू रूप से चलाया जा सकेगा।
यह लोकोमोटिव WAG 12B 12000 HP अधिकतम 120 किमी प्रति घंटे की गति से चल सकता है। यह लोको लंबी और भारी माल गाड़ियों को मेन लाइन पर और साथ ही डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के लिए आदर्श विकल्प है। भारत में निर्मित इस लोकोमोटिव का निर्माण मधेपुरा, बिहार के मधेपुरा इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव प्राइवेट लिमिटेड (रेल मंत्रालय के संयुक्त उपक्रम और एम / एस अलस्टॉम मैन्युफैक्चरिंग इंडिया लिमिटेड) द्वारा किया गया है।
भारतीय रेल / आरडीएसओ के मानकों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए आरडीएसओ द्वारा सभी डिजाइनों की समीक्षा की गई है।
आरडीएसओ द्वारा विभिन्न मंडलों पर उक्त लोको का परीक्षण किया गया I 7 दिसम्बर से 18 दिसम्बर तक अंबाला डिवीजन/उत्तर रेलवे में इसका परीक्षण 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार पर किया गया।
इसी प्रकार कोटा डिवीजन/डब्ल्यूसीआर में 1 जनवरी से 12 जनवरी तक 132 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार पर परीक्षण किया गया। CCRS ने 05 मार्च को WAG12B लोकोमोटिव की मंजूरी के लिए रेलवे बोर्ड को सिफारिश की। रेलवे बोर्ड द्वारा उक्त लोको को 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से संचालन की मंजूरी 28 अप्रैल को प्रदान की गयी है ।
लोको के निरीक्षण के दौरान अपर मंडल रेल प्रबंधक अमित सेंगर, वरिष्ठ मंडल विद्युत इजीनियर (परि) योगेश कुमार सिंह, वरिष्ठ मंडल विद्युत इजीनियर (टी आर एस) मयंक शांडिल्य, मंडल इंजीनियर (मुख्यालय ) रामेश्वर कुशवाहा, स्टेशन निदेशक राजाराम राजपूत एवं सहायक मडल विद्युत इंजीनियर (परि) महेश कुमार गुप्ता आदि उपस्थित रहे ।