डीएपी खाद के लिए मचा हाहाकार, गेहूं फसल की बुआई के लिए किसान परेशान

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ऐहार सहकारी समिति में डीएपी खाद के लिए लगीं किसानों की लम्बी कतार

लालगंज रायबरेली। हर फसल के समय कुदरत का प्रकोप झेलने के बाद किसानों के समक्ष एक नई समस्या सामने आ गई है। गेहूं फसल की खेती का समय आते ही डीएपी खाद गायब है। खाद के लिए किसान दर-दर की खाक छान रहे।

ग्राम पंचायत ऐहार की साधन सहकारी समिति में डीएपी खाद के लिए सुबह से लगीं किसानों की लम्बी कतार डीएपी खाद के लिए किसानों में मचा हाहाकार साधन सहकारी समिति ऐहार,उमरामऊ हसनापुर (बरस) सरकार द्वारा स्थापित की गई समितियों में केवल मात्र मौजूदा समय में ऐहार में डीएपी खाद जो भी आ रही वह ऊंट के मुंह में जीरा के समान साबित हो रही।

क्योंकि तीनों समितियों के किसानों को इस समय गेहूं की बुवाई के लिए डीएपी खाद की सख्त जरूरत है जिसको लेकर किसानों में जैसे चर्चा होती हैं कि ऐहार ग्राम पंचायत की सहकारी समिति में डीएपी खाद आई तो सुबह ही सैकड़ों की तादाद में क्षेत्र के किसान एकत्र हो जाते हैं। जिनमें से कुछ के हाथ में बोरी लगती है।

कुछ किसान मायूस होकर बैरंग अपने घर को वापस चले जाते है। कि आने वाले समय में सरकार अगर गेहूं की बुवाई के समय खाद उपलब्ध कराएगी तो गेहूं बोया जाएगा अन्यथा ऐसे ही खेतों को छोड़ दिया जाएगा योगी सरकार भले ही किसानों के हित की लाख बातें करती हो लेकिन अन्नदाता किसान डीएपी खाद की बोरी के लिए दर-दर भटक रहा है।

सहकारी समितियों में जो खाद आ भी रही है वह ऊंट के मुंह में जीरा की तरह साबित हो रही है।डलमऊ विकासखंड के सहकारी समिति ऐहार मे रविवार को हजारों किसान डीएपी खाद के लिए लाइन लगाकर जमे हुए हैं।सचिव अखिलेश मौर्या ने किसानों को समझा-बुझाकर किसी तरह 400 बोरी खाद वितरित किया है।

लेकिन 400 बोरी खाद हजारों किसानों के बीच में ऊंट के मुंह में जीरा साबित हुई है।किसानों ने बताया कि वास्तव में साधन सहकारी समितियों में असली खाद मिलने की उम्मीद रहती है जिसके कारण किसान अधिकांशतः सहकारी समितियों के भरोसे ही रहते हैं। बाहर डीएपी खाद मिलती तो है लेकिन महंगी और नकली

होने की संभावना बनी रहती है जिसके कारण किसान समितियों से खाद खरीदते हैं।जबकि क्षेत्र के उमरामऊ और हसनापुर (बरस) की सहकारी समिति में काफी समय से खाद नहीं आ रही है। जिसको लेकर वहां के किसानों को खाद के लिए दूसरी समितियों के चक्कर काटने पड रहे। जबकि उमरामऊ साधन सहकारी समिति व हसनापुर साधन सहकारी समिति मे सचिव कृष्णपाल वर्मा तैनात है।

किसानों ने बताया ना तो वह समय से आते हैं और ना ही खाद उपलब्ध करा पाते हैं।जिससे किसानों को अन्य जगहों की सहकारी समितियों के चक्कर काटने को मजबूर हैं। वहीं खाद न मिलने से किसानों मे आक्रोश भी हैं।

रिपोर्ट-संदीप कुमार फिजा

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