हास्य रसावतार तन्हा के निधन से साहित्यकारों में शोक की लहर
रिपोर्ट – अवनीश कुमार मिश्रा
सांगीपुर (प्रतापगढ़)। महाकवि छविश्याम जी द्वारा स्थापित साहित्यिक संस्था स्वतंत्र कविमंडल सांगीपुर की ऑनलाइन बैठक अर्जुन सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई।
बैठक में मंडल के संरक्षक एवं अनुशासन समिति के वरिष्ठ सदस्य बृजेश नारायण श्रीवास्तव तन्हा की गत 29 मई की रात मेडिकल कॉलेज लखनऊ में मृत्यु हो जाने के कारण मंडल सहित साहित्यकारों में शोक की लहर है। वे सांगीपुर ब्लाक के ग्राम पेड़रिया के मूल निवासी थे। उनका सरल व सौम्य स्वभाव, लेखन शैली और रचनाओं की प्रस्तुति, साहित्यकार एवं श्रोताओं के बीच सदैव आकर्षण का केंद्र रही। वे आशुकवि होने के साथ ही हास्य के रसावतार माने जाते थे। श्री तन्हा जी की उपस्थिति से काव्य गोष्ठी एवं कवि सम्मेलन, सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंचना सुनिश्चित हो जाता था।
श्री तन्हा जी के संबंध में अपनी श्रद्धांजलि प्रस्तुत करते हुए जहां ओमप्रकाश पांडे गुड्डू ने पढ़ा………
तमाम महफिलें ढूंढेंगी उसको सदियों तक,
सभी से पूछेंगी ऐ दोस्तों मेरा तन्हा कहां गया।
वहीं, कामतानाथ सिंह ने पढ़ा……….
खबर थी कि कल एक सितारा आसमां से टूटकर धरा से टकराएगा।
पर किसे खबर थी कि कल एक सितारा धरा से टूट कर आसमां में चला जाएगा॥
जहां, यज्ञ कुमार पांडे यज्ञ ने पढ़ा……….
एक सहारा चला गया, तात हमारा चला गया।
लूटा प्यार लुटाया भी, वो बंजारा चला गया।
वहीं, महादेव प्रसाद मिश्र बमबम ने पढ़ा…………..
राम लक्ष्मण श्री कृष्ण सब छोड़े संसार।
बमबम युग-युग अमर है सदा होत जयकार।
बैठक में उपस्थित मंडल के अन्य पदाधिकारियों संरक्षक यज्ञ नारायण सिंह अज्ञेय, अध्यक्ष अर्जुन सिंह, डा. केशरी नंदन शुक्ल केशरी, महामंत्री डॉ अजित शुक्ल सहित परशुराम उपाध्याय सुमन, बचईराम द्विवेदी अनुराग, इं. प्रभाकर मिश्र, गुरुबचन सिंह बाघ , योगेंद्र पांडे, डॉ एस पी सिंह शैल, अब्दुल मजीद रहबर, बाबूलाल सरल, विजय यादव विजय, महावीर सिंह, अशोक विमल, अरविंद सत्यार्थी आदि साहित्यकारों ने तन्हा जी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।