त्रिकोणीय मुकाबले में फंसा संसदीय सीट का चुनाव, मतदाताओं की चुप्पी बढ़ा रहीं प्रत्याशियों की बेचैनी

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तभाजपा ने तीसरी बार पुष्पेंद्र को बनाया उमीदवार तो बीएसपी ने ब्राह्मण और इंडिया गठबन्धन ने लोधी चेहरे पर खेला दांव

महोबा , लोकसभा 47 संसदीय सीट पर पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होना है। अबकी बार के चुनाव में मतदाताओं की चुप्पी प्रत्याशियों की बेचैनी बढ़ा रहीं है। पार्टी प्रत्याशी जनता को अपने पाले में लाने के लिए एडी चोटी का जोर लगाए हुए है। गर्मी चरम सीमा पर है लगभग 40 डिग्री पारा होने के बाबजूद सभी दलों के प्रत्याशी कड़ी मशक्कत करते देखे जा रहे है। 20 मई नजदीक आते देख प्रत्याशियों ने जन सम्पर्क तेज कर दिया है। आप को बता दे कि 2024 का चुनाव त्रिकोणीय मुकाबले में फंसा हुआ नजर आ रहा है। जैसे 2014 और 2019 में जो एकतरफ़ा लहर थी अब वह आंधी देखने को नही मिल रही है। विपक्षी पार्टियों के प्रत्याशी महंगाई, बेरोजगारी सहित अन्य मुद्दों को लेकर चुनावी मैदान मे डटे हुए है।

आपको बता दे कि 2014 और 2109 में भाजपा ने बुंदेलखण्ड के महोबा जिले के लाल एवं क्षत्रिय समाज से आने वाले पुष्पेंद सिंह चन्देल को अपना उमीदवार बनाया था तो उन्होंने दोनों चुनाव मे भारी मतो से विजय हासिल की थी। बुंदेलखंड में आने वाले अपने संसदीय क्षेत्र के विकास के लिए आवाज उठाते रहे। जहाँ रेलवे के विस्तारीकरण करवाया साथ ही किसानो के हित के लिए भी आवाज उठाते रहे। बता दे कि यहाँ का किसान कई सालों से दैवीय आपदा एवं पानी की किल्लत से परेशान बना हुआ है लेकिन संसद मे सांसद द्वारा बार बार आवज उठाने पर लिंक बेतवा परियोजना भी पास हो गई है जल्द कार्य होने पर बुंदेलखण्ड क्षेत्र के किसानो को पानी एवं सिचाई की समस्या दूर हो जाएगी तथा अन्य जनपद के क्षेत्रों में इस योजना का लाभ किसानो को मिलेगा।

सांसद पुष्पेंद्र सिंह चन्देल ने अपने क्षेत्र के विकास के लिए हमेशा प्रयासरत रहे है और उनको इसका कितना लाभ मिल सकता है यह देखना दिलचस्प होगा। बाकी सबकी निगाहें जनता पर टिकी हुई है। किसके सिर पर जीत का ताज बधेगा यह तो आने वाला समय ही तय करेगा। बेरोजगारी महंगाई और अन्य मुद्दों पर अन्य पार्टी के प्रत्याशी अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद जनता के बीच जाकर चुनाव मैदान मे ताल ठोक रहे है। वही कांग्रेस और सपा के गठबंधन प्रत्याशी अजेंद्र सिंह लोधी ने भी चुनाव नजदीक आते ही जनसम्पर्क तेज कर दिया है। जनता से मिल अपनी बाते रख तथा चुनाव जीतने के बाद संसदीय क्षेत्र मे विकास की बात कर रहे है। किसान के लिए हर सम्भव मदद की बात करते देखे जा रहे है और अपने पाले मे मतदाताओ से मतदान की अपील कर रहे है। वही बीएसपी ने महोबा हमीरपुर तिंदवारी से पण्डित प्रत्यासी पर दांव खेला है।

बीएसपी प्रत्याशी को जनता का लाभ कितना मिलेगा यह तो मतगणना के दिन पता चलेगा। बीएसपी प्रत्याशी निर्दोष दीक्षित ने भी नामांकन प्रक्रिया पूरी कर ली है और चुनाव नजदीक आते ही प्रचार प्रसार तेज कर जनता के बीच जाकर अपनी बात रख रहे है। अब देखना यह गजब होगा कि निर्दोष दीक्षित को जनता का आशीर्वाद के साथ समाज वर्ग का कितना सहयोग मिलेगा यह मतगणना के बाद ही पता चलेगा। लोकसभा 47 संसदीय सीट में लगभग 18 लाख 34 हजार 4 सौ 44 मतदाता प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेगे। 4 मई को नामांकन पत्रो की जांच, 6 मई को नाम वापस लेने की अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। पांचवे चरण में 20 मई को सभी प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में कैद हो जाएगा और 4 जून को खुलेगा। भाजपा में इन दिनों पद लेने की होड़ से लगी हुई है और भाजपा में शामिल हुए लोगों का कितना लाभ मिलता है यह तो आने वाला समय ही बतायेगा। इस बार महोबा हमीरपुर तिंदवारी संसदीय सीट का चुनाव त्रिकोणी मुकाबले में फंसा हुआ है।

किसी भी प्रत्याशी की राह साफ नजर नही आ रही है। जनता का मूड इस समय साफ नजर नही आ रहा है। जिससे प्रत्याशियों की धड़कने तेज होती जा रही है। लोकसभा चुनाव को शांति पूर्ण निष्पक्ष तरीके सम्पन्न कराने को लेकर जिला प्रशासन मुस्तैद नजर आ रहा है और निर्वाचन आयोग के आदेशों को बखूबी पालन करते हुए चुनाव में पैनी नजर बनाए हुए है। भीषण गर्मी में जगह जगह पुलिस जवान बल मुस्तैदी से निर्देशों का पालन करते नजर आ रहे है।

रिपोर्ट- राकेश कुमार अग्रवाल

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