लॉक डाउन के समय जिस तरह यूपी पुलिस काम कर रही है कि अब पुलिस को लोग मसीहा मानने लगे हैं। ताजा मामला लखनऊ में सामने आया है, जहां दारोगा दंपति ने 200 परिवारों की जिम्मेदारी उठाई है। पुलिस सेवा को बाखूबी निभाने के साथ-साथ ये दंपति सरोजनी नगर क्षेत्र के गांव और कच्ची बस्तियों में रहने वाले जरूरतमंद बच्चों को कॉपी, किताब, स्कूल बैग आदि शैक्षिक सामग्री उपलब्ध कराते रहते हैं। दारोगा दंपति का ये रूप पुलिस कोई छवि को और भी ज्यादा निखार रहा है।
कौन है ये दारोगा दंपति
लॉक डाउन के इस कठिन समय में उत्तर प्रदेश पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर सेवारत दंपति अनूप मिश्रा अपूर्व और रीना पाण्डेय मिश्रा मिसाल बने हैं। अनूप मिश्रा पीएसी मुख्यालय और उनकी धर्मपत्नी रीना पाण्डेय मिश्रा पुलिस टेलीकॉम मुख्यालय, महानगर में कार्यरत हैं। ये दोनों अपनी ड्यूटी तो निष्ठा से निभाते ही हैं लेकिन साथ ही 200 ऐसे परिवारों की जिम्मेदारी भी उठा रहे हैं जो लॉक डाउन की वजह से परेशान हैं। जिनके यहां खाने तक की दिक्कत है।
कोरोना आपदा में गांव एवम बस्ती से मदद की गुहार आने पर इन्होंने जरूरतमंद लोगों से संपर्क किया। 200 से अधिक परिवारों को गोद ले लिया। सबसे पहले यहां लगभग एक हजार लोगों का खाना पहुंचाया गया। इन्होंने लक्ष्मण रेखा नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया और अपने कई परिचितों को उसमें जोड़कर मदद की अपील की।
राहत पैकेट में होता है ये सामान
दारोगा दंपति ने इन परिवारों को राहत प्रदान करने के लिए
इनके राहत सामग्री पैकेट में पांच किलो आटा , दो किलो दाल , तीन किलो चावल , एक लीटर सरसों का तेल , पांच किलो आलू , एक किलो नमक , एक पैकेट सब्जी मसाला , एक किलो प्याज , दो साबुन , एक सेनेटाइजर , दो कॉटन रुमाल ( मास्क हेतु ) , पांच बिस्किट के पैक रखकर एक परिवार को उपलब्ध करवाया जाता है। इसके अलावा बच्चों कि जरूरत का भी इस राहत सामग्री में खास ध्यान रखा जाता है।