निराला को सीबीएसई बोर्ड पाठ्यक्रम से हटाने की घोर निन्दा

10

डलमऊ, रायबरेली। निराला सृजन मंच एवं वी आर फाउंडेशन की एक संयुक्त बैठक शंकर नगर मुराई बाग में हुई बैठक में महाप्राण निराला की रचनाओं को सीबीएसई बोर्ड के इन्टरमीडिएट पाठ्यक्रम से हटाने की डलमऊ के साहित्यकारों ने कड़ी निन्दा की है।

वरिष्ठ साहित्यकार राम नारायण रमण ने कहा कि निराला जी डलमऊ में बीस वर्ष तक रहे हैं। उन्होंने अपना अधिकांश साहित्य सृजन डलमऊ में किया। उनकी रचनाओं को सीबीएसई बोर्ड पाठ्यक्रम से हटाना दुर्भाग्यपूर्ण ही नहीं निन्दनीय भी है।कवि रमाकांत ने कहा कि निराला छायावाद प्रगतिवाद प्रयोगवाद के झंडाबरदार सार्वकालिक महाकवि हैं।उनकी रचनाओं को जन जन तक पहुंचाना चाहिए।

कवि एवं आलोचक वाई.वेद प्रकाश ने कहा कि निराला की राम की शक्ति पूजा से लेकर कुकुरमुत्ता तक अनेक रचनाएं विश्व प्रसिद्ध हैं। सरकार उनकी रचनाओं को सीबीएसई पाठ्यक्रम से हटा कर साहित्य और समाज के साथ अन्याय कर रही है।कवि प्रदीप श्रीवास्तव ने कहा कि सरकारें सच को स्वीकार नहीं कर पातीं इसलिए निराला जैसों की रचनाएं पाठ्यक्रम से हटा दी जाती हैं।

बैठक में ओमप्रकाश,आन्या प्रिया, सम्राट, एंजेलिना, सविता यादव,सत्य प्रकाश, बसंत लाल गुप्ता, सुंदर लाल मनमौजी,अशेष बाजपेई,वेद प्रकाश, जिया यादव आदि उपस्थित रहे और महाप्राण निराला की रचनाओं को सीबीएसई बोर्ड पाठ्यक्रम से हटाने की कड़े शब्दों में निन्दा की।

  • विमल मौर्य
Click