निर्णय लेने की स्वतंत्रता होने के बाद ही महिलाएं बन सकती है आत्मनिर्भर- डॉ एनके वाजपेयी

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महोबा , बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय बांदा के अन्तर्गत संचालित के0वी0के0 के प्रांगण में महिला सशक्तिकरण स्वावलम्बी समाज का आधार विषय पर एक दिवसीय महिला किसान मेला एवं गोष्ठी का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि निदेशक प्रसार डा0 एन0के0 बाजपेयी ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए कहा किसान मेले का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को सशक्तिकरण कर उन्हें पुरूषों के साथ समान्तर खड़ा करना है। जिससे एक परिवार समृधि सुनिश्चित करने के लिए एक मूलभूत कदम है। किसी भी समाज को सभ्य समाज का दर्जा तब तक प्राप्त नहीं होता सकता जब तक उस समाज की  नारी का सशक्तिकरण न हो जाये।

उन्होंने कहा कि जब तक प्रत्येक नारी को निर्णय लेने की स्वतन्त्रा नहीं होगी तब तक महिलाएं आत्मनिर्भर नहीं हो सकती हैं। उन्होंने महिलाओं से अपील कि अपने आपको स्वतन्त्र बनाने की पुरूजोर कोशिश करना चाहिए। जिससे कि आप अपना निर्णय स्वयं ले सकें साथ ही बिना किसी पारिवारिक व सामाजिक प्रतिबंध के अपने जीवन को सम्भाल कर एक नयी मिसाल के रूप में अपनी पहचान बना सकें। महिलाओं को सशक्ति बनाने के लिए दुनिया निश्चित रूप से लैंगिक समानता का गवाह बनेगी। समाज के हर तबके की महिलाओं को खड़े होने और अपनी इच्छा के अनुसार अपना जीवन चलाने में मदद होगी।

उन्होेंने स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं को उद्यमिता विकास के लिए जोर दिया। विशिष्ट अतिथि आशा तिवारी, आकाशवाणी गायक ने महिलाओं को घर से बाहर निकलकर नयी पहचान एवं अपनी प्रतिभा को निखारने का आह्रवान किया तथा पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने की जरूरत हैै। आदिबा खान ने कहा कि महिलाएं बिना किसी भेदभाव के पूर्ण स्वतन्त्रा के साथ निर्भीक होकर विकास के पथ को अपनाते हुए आत्मनिर्भर बनकर देश के उत्थान में सहायक बने। केन्द्र के प्रभारी, डा0 एस0पी0 सोनकर ने केन्द्र पर चल रही प्रसार गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी। डा0 प्रज्ञा ओझा ने महिला किसान मेला में कहा कि इस मेले का मुख्य उद्देश्य बुन्देलखण्ड की महिलाओं में कृषि सम्बन्धी नवीन तकनीकी के प्रति जागरूकता पैदा करना, कृषि में महिलाओं की भागदारी बढाना तथा उनकी अभियुक्ति व प्रतिभा को निखारना है। डा0 एस0बी0 ने भी विचार रखे। इस अवसर पर कृषि के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हेतु 10 महिला कृषकों को अंगवस्त्र एवं प्रशस्त्रि पत्र देकर सम्मानित किया गया। महिला कृषकों हेतु रंगोली, मेंहदी, नृत्य, गायन व श्रीअन्न आधारित व्यंजन आदि प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

इन सभी प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाली महिलाओं एवं युवतियों को प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। डा0 अमृता सिंह, वि0व0वि0 गृह विज्ञान ने महिलाओं को स्वयं सहायता समूह का गठन, मोटे अनाज की उपयोगिता, बाल्य सुरक्षा एवं स्वास्थ्य जागरूकता तथा खाद्य प्रसंस्करण से उद्यमिता विकास हेतु जागरूक किया। कार्यक्रम के अन्त में डा0 रजनीश चन्द्र मिश्रा ने सभी अतिथियों एवं महिला कृषकों का धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन डा0 बृजेश पाण्डेय द्वारा किया गया। इस मौके पर केन्द्र के सौरभ शुक्ला, दिवाकर मौर्या, अलका मिश्रा, अनीता सिंह सहित लगभग दो सौ महिलाएं उपस्थिति रहीं।

रिपोर्ट- राकेश कुमार अग्रवाल

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