प्रतापगढ़। जिलाधिकारी ने शासन की विकास प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों व 50 लाख से अधिक लागत की परियोजनाओं एवं कार्यो की समीक्षा की।
सहायक श्रमायुक्त के बैठक में अनुपस्थित रहने पर जिलाधिकारी ने कारण बताओ नोटिस जारी करने का दिया निर्देश
आवास के चयन या निर्माण में प्रधान द्वारा धन लेने की शिकायत को गम्भीरता से जांच कर ग्राम प्रधान के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाये-जिलाधिकारी सामुदायिक शौचालयों का शत् प्रतिशत संचालन एवं उपयोग सुनिश्चित कराया जाये।
जिलाधिकारी डा नितिन बंसल की अध्यक्षता में विकास भवन के सभागार में शासन की विकास प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों, 50 लाख रूपये से अधिक लागत की परियोजनाओं एवं कार्यो के सम्बन्ध में समीक्षा की गयी।
जिसमें मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया, परियोजना निदेशक डी0आर0डी0ए0 आर0सी0 शर्मा, जिला विकास अधिकारी ओम प्रकाश मिश्र, डीसी एनआरएलएम एन0एन0 मिश्रा, जिला सूचना अधिकारी विजय कुमार, जिला विद्यालय निरीक्षक सर्वदानन्द, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेन्द्र सिंह, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी राजेश सिंह सहित सहित जिला स्तरीय अधिकारियों व कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। बैठक में सहायक श्रमायुक्त के अनुपस्थित रहने पर जिलाधिकारी ने कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया।
लघु सिंचाई विभाग की समीक्षा के दौरान अवर अभियन्ता लघु सिंचाई द्वारा बताया गया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में 412 निःशुल्क बोरिंग लक्ष्य प्राप्त हुआ था जिसे पूर्ण कर लिया गया है। जिलाधिकारी ने पूर्व में स्थापित मध्यम बोरिंग के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की तो मध्यम बोरिंग के 44 लाभार्थियों का सत्यापन कराया गया है जिसमें सहायक अभियन्ता लघु सिंचाई द्वारा दी गयी रिपोर्ट के सापेक्ष त्रुटिया पायी गयी।
जिसका सन्तोषजनक उत्तर न दिये जाने पर जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी से अपेक्षा करते हुये कहा कि लघु सिंचाई विभाग द्वारा विगत 05 वर्षो में करायी गयी मध्यम एवं गहरी बोरिंग के लाभार्थियों का सत्यापन कराया जाये जिसमें गलत रिपोर्टिंग पाये जाने पर इसकी जांच हेतु प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन को पत्र प्रेषित किया जाये।
सिंचाई विभाग की समीक्षा करते हुये अधिशासी अभियन्ता सिंचाई अरविन्द वर्मा द्वारा बताया गया कि जनपद में अभी भी मांग के सापेक्ष पर्याप्त जलापूर्ति नही हो पायी है जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि इस सम्बन्ध में प्रमुख सचिव सिंचाई को उनके स्तर से पत्र भेजवाया जाये ताकि जनपद में सिंचाई हेतु जलापूर्ति में कोई कठिनाई न हो।
पंचायती राज विभाग की समीक्षा के सम्बन्ध में जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा बताया गया कि जनपद में 1190 सामुदायिक शौचालय पूर्ण हो गये है 03 सामुदायिक शौचालय दशरथपुर पट्टी, रहेटुआ परशुरामपुर गौरा, सरायलालमती रामपुर संग्रामगढ़ में जल्द ही निर्माण कार्य पूर्ण करा लिया जायेगा। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सामुदायिक शौचालय जिस उद्देश्य के लिये बनाये गये है उन सभी का शत् प्रतिशत संचालन एवं उपयोग सुनिश्चित कराया जाये।
आंगनबाड़ी भवनों की मरम्मत के सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि कायाकल्प योजनान्तर्गत जो आंगनबाड़ी भवन जर्जर या मरम्मत योग्य है अभियान चलाकर उनकी मरम्मत करायी जाये। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि प्रधानमंत्री आवास एवं मुख्यमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों का सर्वे करा लिया जाये जिन्हें अभी तक शौचालय नही प्राप्त हुआ है अभियान चलाकर उन्हें शौचालय का लाभ दिलाया जाये।
जिलाधिकारी ने आवास के चयन या निर्माण में प्रधान द्वारा धन लेने की शिकायत को गम्भीरता से लेते हुये निर्देश दिया कि जहां से शिकायत प्राप्त हो उसकी गम्भीरता से जांच करायी जाये तथा ऐसे ग्राम प्रधानों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाये। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की समीक्षा के दौरान डीसी एनआरएलएम द्वारा बताया गया कि जनपद में 6760 समूह गठन का लक्ष्य निर्धारित है।
जनपद में चयनित 51 आईसीआरपी द्वारा 1458 समूहों का गठन कराया गया है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि समूहों का गठन कराने के बाद यह भी सुनिश्चित किया जाये कि समूह द्वारा पंचसूत्रों का पालन कर नियमित बैठक एवं अंशदान जमा किया जा रहा है तथा उनके अन्दर सहकार की भावना पैदा हो रही है ताकि आगे चलकर महिलायें स्वरोजगार की तरफ उन्मुख हो सके। चयनित आईसीआरपी के भ्रमण कार्यक्रम एवं उनके गतिविधियों की भी जांच करा ली जाये।
मनरेगा की समीक्षा करते हुये जिलाधिकारी ने अमृत सरोवर के सम्बन्ध में मीडिया में छप रही नकारात्मक खबरों के सम्बन्ध में नाराजगी व्यक्त की और डीसी मनरेगा को निर्देशित किया कि अमृत सरोवर के सम्बन्ध मीडिया में प्रकाशित/प्रसारित अमृत सरोवर की जांच करा ली जाये यदि शिकायत सही पायी जाये तो सम्बन्धित अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाये, यदि प्रकाशित/प्रसारित खबर तथ्यात्मक एवं निराधार है तो उसका खण्डन प्रकाशित/प्रसारित कराया जाये।
पीएमजीएसवाई की समीक्षा करते हुये जिलाधिकारी ने नवम्बर माह की स्वीकृतियों पर अभी तक प्रभावी कार्यवाही न किये जाने पर नाराजगी व्यक्त की तथा जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी को निर्देशित किया कि जिन परियोजनाओं पर स्वीकृतियों के बाद भी लम्बे समय से कार्य शुरू नही किया गया है परियोजनवार चार्ट बनाकर प्रस्तुत किया जाये, इस सम्बन्ध में प्रमुख सचिव को सम्बन्धित के विरूद्ध कार्यवाही हेतु पत्र प्रेषित किया जाये।
अन्त्योदय कार्ड के सत्यापन के सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने जिला पूर्ति अधिकारी को निर्देशित किया कि पिछले 02 माह में विकास खण्डवार प्राप्त अन्त्योदय कार्ड बनाने की सूची एवं उस पर की गयी कार्यवाही की सूची ग्रामीण क्षेत्र एवं नगर क्षेत्र पृथक-पृथक तैयार कर उपलब्ध करायें। इसी तरह से सामाजिक वानिकी, ओडीओपी, स्वरोजगार योजना, निराश्रित गोवंश के रख-रखाव, प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी, मत्स्य सम्पदा योजना, आईजीआरएस, कन्या सुमंगला योजना, सहकारी देयों की वसूली, खाद, बीज की उपलब्धता, लम्बित परियोजनाओं की कार्यदायी संस्थाओं के साथ समीक्षा की गयी। आधार फीडिंग की समीक्षा करते हुये जिलाधिकारी ने समाज कल्याण विभाग में अपेक्षित प्रगति न होने पर जिला समाज कल्याण अधिकारी राजीव कुमार को कारण बताओ नोटिस जारी करने का मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिया।
जिलाधिकारी ने विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा करते हुये खेल स्टेडियम, गौशाला निर्माण, इंजीनियरिंग कालेज, पालीटेक्निक कालेज, नवीन नगर पंचायत भवन, विकास खण्ड सदर, सण्ड़वा चन्द्रिका, मंगरौरा, शिवगढ़ में आवासीय एवं अनावसीय भवनो के निर्माण, आई0टी0आई0 कालेज, ट्रांजिस्ट हास्टल, हेल्थ एवं वेलनेस सेन्टर, आंगनबाड़ी भवन, विद्युत केन्द्र, अग्निशमन केन्द्र आदि की समीक्षा करते हुये कार्यदायी संस्थाओं को निर्देश दिया कि निर्धारित समय सीमा पर परियोजनाओं को गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूर्ण करा लिया जाये, इसमें किसी तरह की लापरवाही क्षम्य नही होगी।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि 10 करोड़ से ऊपर की सभी परियोजनाओं का सतत् निरीक्षण टास्क फोर्स द्वारा कराया जा रहा है, टास्क फोर्स द्वारा जांचोपरान्त पायी गयी कमियों के निस्तारण कर एक सप्ताह में अनुपालन उपलब्ध करा दिया जाये जिन संस्थाओं द्वारा अनुपालन रिपोर्ट समय से उपलब्ध नही करायी जाये ऐसी संस्थाओं के विरूद्ध कार्यवाही हेतु शासन को पत्र प्रेषित किया जाये।
अन्त में जिलाधिकारी ने समस्त सम्बन्धित जनपद स्तरीय अधिकारियों व कार्यदायी संस्था को निर्देशित किया कि जनपद स्तरीय अधिकारी अपने विभाग द्वारा निर्माणाधीन परियोजनाओं/कार्य की प्रगति एवं गुणवत्ता का नियमित अनुश्रवण करना सुनिश्चित करें। निर्माणपरक कार्यो में गुणवत्ता से कोई समझौता न किया जाये। यदि किसी भी स्तर पर गुणवत्ता मानक के अनुरूप नहीं पायी जाती है तो सम्बन्धित अधिकारी का उत्तरदायित्व निर्धारित कर उनके विरूद्ध नियमानुसार दण्डात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी। सभी परियोजनाओं का कार्य शासन द्वारा निर्धारित समय सीमा के अन्तर्गत गुणवत्ता सहित पूर्ण करने के निर्देश दिये गये।