महराजगंज रायबरेली।
छः वर्षो से किराये के भवन में शिक्षा ग्रहण कर रहे नौनिहालों को निजी विद्यालय दिलाने के लिए संकल्पित सिकन्दरपुर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि डब्बू सिंह ने आखिरकार एक नही दो विद्यालय बनवाकर नौनिहालों के भविष्य को संवारने का सपना साकार कर दिखाया। अपने निजी स्रोतो से विद्यालय के भवन का निर्माण करवाकर परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को छत दिलाकर असंभव को संभव कर दिखाने पर डब्बू सिंह की समाजसेवा की मिशाल लोग देते नही थक रहे हैं।
बताते चलें कि विकासखंड क़े सिकंदरपुर गांव मे 2012 से संचालित प्राथमिक विद्यालय पूरे चोप सिंह पूर्व माध्यमिक विद्यालय सिकन्दरपुर व प्राथमिक विद्यालय सेमरहा गांव के एक निजी मकान में संचालित हो रहे थे जिसके भवन के निर्माण के लिए शासन द्वारा 2013 में प्रति विद्यालय 5 लाख 1 हजार 8 सौ रूपये भेजे गये। किन्तु विद्यालय न बन पाने से 6 वर्षो तक लगातार विद्यालय के नौनिहाल किराये के भवन में शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर रहे। जिस पर बच्चों का विद्यालय भवन ना होने क़ी स्थिति देख सिकन्दरपुर प्रधान प्रतिनिधि डब्बू द्वारा भवन बनवाने का निर्णय लिया गया। मंहगाई इतनी बढ़ चुकी थी कि सरकारी मद से विद्यालय भवन का निर्माण कराना असंभव था यही नही बेसिक शिक्षा विभाग ने भी भवन निर्माण पर अपने हाथ खड़े कर दिये, परन्तु डब्बू सिंह का निश्चय एवं दृढ इच्छा ने 2018 में एक नही बल्कि दोनो ही विद्यालयों के भवन का निर्माण कर दिखाया, जिसक़े निर्माण क़ी लागत लगभग 28 लाख रूपये आयी । इन विद्यालयों में विद्यालय भवन, बाउण्ड्री वाल, हैण्डपम्प, रसोई घर व शौचालय का निर्माण कराया गया है। डब्बू सिंह द्वारा निजी स्रोतो से विद्यालय भवन की जानकारी जब ग्रामीणों तक पहुंची तो ग्रामीण भी दंग रह गये और डब्बू सिंह क़े कार्यो क़ी चर्चा पूरे क्षेत्र में फैल गयी। मामले में डब्बू सिंह ने बताया कि शिक्षा ही मानव को एक अच्छा इंसान बनाती है बिना शिक्षा के मानव किसी जानवर से कम नही, उन्होने कहा कि रोटी कपड़ा और मकान के साथ साथ शिक्षा भी जीवन के लिए अत्यन्त आवश्यक है शिक्षा नही तो कुछ नही। इसी सोच क़े तहत इस अधूरे कार्य को पूर्ण किया गया।
फोटो- निजी खर्च से निर्मित सरकारी विद्यालय क़े भवन को दिखाते सिकंदरपुर प्रधान प्रति.डब्बू सिंह।
अनुज मौर्य/अशोक यादव रिपोर्ट