प्रतापगढ़। सूबे की सरकार जहां जीरो टॉलरेंस की बात करती है और भ्रष्ट अधिकारियों पर शिकंजा कस कर के कार्रवाई करती है। एक ऐसा भी मामला सामने आया है जहां एक शिक्षामित्र कूटरचित तरीके से दूसरे के नाम पर शिक्षामित्र बनकर कर रही है नौकरी।
जिले के लालगंज विकास खंड का है जहां जिम्मेदारों की नाक के नीचे बड़ा खेल हो रहा है महिला शिक्षामित्र के पद पर कार्यरत हो कर ले रही है वेतन।
बताते चले कि जौनपुर जिले की रहने वाले सिंपल सिंह अपने बुआ फूफा के घर लालगंज थाना क्षेत्र खमसारी गांव के रहने वाले है जिनके घर पर रहकर पूरी की पढ़ाई। अपनी ही बुआ की लड़की डिंपल सिंह के नाम व उनके दस्तावेज से कूट रचित तरीके से हासिल कर के शिक्षामित्र की नौकरी भी कर ली हासिल, जिसमें शिक्षा विभाग के अधिकारी भी हुए है शामिल।
इस प्रकरण की शिकायत जिलाधिकारी से किया है शिकायतकर्ता। शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि मैडम सिंपल सिंह ने वर्ष 2002 में जीजीआईसी शीतलमऊ से उत्तीर्ण की हाई स्कूल की परीक्षा और राम अजोर इंटर कॉलेज लालगंज से पास की बारहवीं की परीक्षा।
उसके बाद ही नहीं वर्ष 2005 में बीए प्रथम वर्ष हेमवती नंदन बहुगुणा डिग्री कॉलेज लालगंज प्रतापगढ़ में लिया था दाखिला। शिकायतकर्ता ने आरोप यह भी लगाया है कि फर्जी दस्तावेज बनवाकर डिंपल सिंह दर्ज करवा लिया है जिसमे शिक्षा विभाग के जिम्मेदार भी शामिल है।
मूल डिंपल सिंह पुत्री अर्जुन सिंह की शादी रायबरेली के सुशील सिंह से हुई है। कूट रचित तरीके से फर्जी दस्तावेज के दम पर शिक्षामित्र लालगंज विकास खंड के उधरनपुर गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय में तैनात है शिक्षामित्र।
बीएसए प्रतापगढ़ से जानकारी ली गई तो बताया कि मामले कि जानकारी है और इस प्रकरण में टीम गठित कर जांच की जा रही है।
- अवनीश कुमार मिश्रा