बुवाई के समय हुई हल्की बारिश से हताश किसानों के चेहरे खिले

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बेलाताल ( महोबा )
धूल उडा रहे खेतों में दो दिनों में हुई हल्की बारिश ने रबी फसल की बुवाई को पंख लगा दिए हैं . बारिश ने किसानों का बडा पैसा भी बचा दिया है . क्योंकि खेतों को पानी देने के लिए किसानों को हजारों रुपए डीजल और पम्प पर फूंकने पड रहे थे .
गौरतलब है कि इस बार मानसून फिर दगा दे गया था . किसान महीनों से पानी की बाट जोह रहा था क्योंकि क्षेत्र के नब्बे फीसदी खेतों में बुबाई नही हुई थी . बारिश की आस लगाए बैठे किसानों के चेहरे खिल उठे हैं . क्योंकि लगातार चल रही सूखे की मार के कारण किसान तंगहाली से गुजर रहा है और उसकी आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है . यदि बारिश न होती तो कई किसान बिना खेत की बुवाई किए ही रह जाते .
दो दिनों में हुई हल्की बारिश से अब वो किसान भी चना व राई की फसल बो सकते है जिनके पास पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध नही है .
क्षेत्र के किसानों के अनुसार इस समय बारिश होने से पलेवा में जो सिंचाई की जा रही थी उसकी बचत हुई है और प्रति हेक्टेयर कम से कम ₹ 5000 की बचत हुई है। क्योंकि किसान को मजबूरी में फसल बुवाई के समय पलेवा करना पड रहा था . क्योंकि खेतों में नमी नहीं है . इस बारिश से हजारों हेक्टेयर की सिंचाई की बचत हुई है।
जैतपुर के किसान श्यामसुंदर अरजरिया का कहना है कि हमारी 10 एकड़ जमीन पर सिंचाई चल रही थी लेकिन इस बारिश के होने से हमारा लगभग ₹10000 बच गया है अब हम सीधे रबी फसल की बुवाई कर सकते हैं .
घुसयाना में रहने वाले किसान शिवराम यादव के अनुसार बूंदाबांदी तो हुई है . वैसी बारिश नहीं हुई है कि जिसका लाभ किसानों को मिल जाए . लमौरा के किसान मनोज नायक के अनुसार यदि थोडी अच्छी बारिश हो जाए तो रबी की फसल से थोडी उम्मीद लगाई जा सकती है. मऊपुरा के किसान हलकाई के अनुसार इतना पानी नहीं बरसा कि खुश हुआ जाए लेकिन डीजल की थोडी बचत जरूर हो गई है .
हल्की बारिश के बावजूद धूल उडा रहे खेतों में रौनक लौटने के आसार जरूर बन गए हैं . क्योंकि दो-तीन दिन बाद किसान अपने खेतों की बुवाई कर सकेंगे।

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