बेजुबानों की सेवा करना ही मेरा पहला धर्म है- पुनीता

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दिल्ली डेस्क –लोग आमतौर पर बिल्ली, कुत्ता, गाय जैसे जानवरों को शौक के तौर पर पालते हैं, लेकिन दिल्ली में एक ऐसी पशु प्रेमी है जिसके लिए सड़क पर घूमने वाले ही जानवर उसके लिए पालतू जानवरों की तरह हैं। दिल्ली की अक्षरधाम की रहने वाली पुनीता शर्मा सड़कों पर बीमार, घायल और असहाय बेजुबान जानवरों के लिए मसीहा बनी हुई हैं। पुनीता शर्मा अब तक सैकड़ों घायल और बीमार जानवरों का सड़कों से उठाकर अपने घर में बड़ी शिद्दत से इलाज और सेवा करती हैं,या उन्हें शेल्टर में शिफ्ट करवा देती है पुनीता शर्मा के इस अनोखे पशु प्रेम को देखकर हर कोई हैरत में है।

पुनीता शर्मा के सड़को पर पहुंचते ही चारों तरफ सिर्फ जानवर ही जानवर दिखेंगे। एक झलक देखकर लगता है कि आप किसी पशु चिकित्सालय में आ गए हों या किसी शेल्टर में , लेकिन यह पुनीता जी का सड़क पर बेजुबानों का घर है।आप जिधर भी नजर दौड़ाएंगे आपको बिल्ली, कुत्ता, बंदर गाय ही दिखेंगे। ये कोई पालतू जानवर नहीं हैं और शायद इन आवारा जानवरों को देखकर एक बार आप डर सकते हैं, लेकिन पुनीता ने सभी की इतनी सेवा करी है कि सभी जानवर इन्हें अपने रखवाले समझते है पुनीता का यह जुनुन प्रेणादायक है।पुनीता की सोसाइटी से लेकर घर पर ऐसे जानवरों की देखभाल, दवा, मलहम-पट्टी कर बेहतर जिंदगी देने की कोशिश में रमी रहती हैं।

बेटियों ने पैदा किया बेजुबानों जानवरो की प्रति प्रेम और लगाव


पुनीता शर्मा दिल्ली के अक्षरधाम में रहती हैं। इनके पति पेशे से nic ऑफिस में कार्यरत हैं और पुनिता का जानवरों से ऐसा लगाव अपनी दो बेटियों के जानवरों के प्रति लगाव देखकर हुआ। दरअसल पुनीता की बेटियां घर मे बिल्लियों के बच्चे ले आई थी जिन्हें देखकर शुरू में पुनीता जी को गुस्सा आता था लेकिन धीरे,धीरे बिल्लियों के प्यार ने उनके दिल मे जानवरो के प्रति प्यार पैदा कर दिया ,धीरे धीरे ये जानवरो का प्रेम सड़क पर घूम रहे जानवरों के लिए आ गया और आज 3 सालों से पुनीता जी जानवरो के लिए दिन रात सेवा कर रही है और इस काम में पुनीता जी के पति भी हाथ बटाते हैं।

पुनीता जी के घर में कई कमरे है, इसलिए अपने घर के दो कमरों को इन आवारा पशुओं के लिए ही समर्पित कर रखा है। घर के इन कमरों में उन सभी आवारा पशुओं को रखा जाता है और वंशिका खुद इनका इलाज करती हैं। पुनीता ने बताया, ‘मैंने तकरीबन 3 साल से यह काम शुरू किया और अब तक 5000 से अधिक आवारा पशुओं का इलाज व उनके खाना का पूरा प्रबंध कर चुकी हैं।

लॉकडाउन में बेजुबानों की खूब की सेवा


लॉकडाउन में सभी अपने घरों में कैद थे, उस दौरान सड़क पर रहने वाले जानवरों की हालत बहुत खराब थी। लॉकडाउन की वजह से उनको जो रोज खाना खिलाया करते थे, खुद उन्हें ही नहीं मिल पा रहा था। ऐसे में पुनीता ने उन बेजुबान जानवरों की मसीहा बन गईं और ज्यादा से ज्यादा जानवरों तक खाना पहुंचाया। इनके कार्यो को देखकर रिपोर्ट्स टुडे उन्हें सलाम करता हैं

अनुज मौर्य रिपोर्ट

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