मोती झील को अतिक्रमण और कचरे से मुक्त कर पुनर्जीवित किया जाए : साझा संस्कृति मंच

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वाराणसी। मोतीझील, सोनिया तालाब, पांडेयपुर तालाब सहित अनेक तालाब और कुंडों को अतिक्रमण और कचरे मुक्त किया जाना आवश्यक है। असि और वरुणा नदियों में मल-जल गिरना बंद हो और उसके दोनों तरफ हरित पट्टी विकसित की जाए।

ग्रामीण क्षेत्र के सभी तालाबों को वर्ष 1951 के राजस्व रिकार्ड के अनुसार अतिक्रमण मुक्त किया जाए। साझा संस्कृति मंच एवं पर्यावरण बचाओ अभियान काशी ने मंडलायुक्त को दिया ज्ञापन।

जी -20 के दृष्टिगत शहर को आकर्षक तरीके से सजाया जा रहा है, सड़कों पर हरियाली दिखे इसके लिए भी कोशिश हो रही है। इन सबके बीच ऐतिहासिक, पौराणिक और सांस्कृतिक महत्व रखने वाले कुछ प्रमुख तालाब उपेक्षा ग्रस्त हैं और अतिक्रमण तथा प्रदूषण के कारण मृतप्राय हैं।

इस दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति से चिंतित सामाजिक कार्यकर्ताओं के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को मंडलायुक्त से मिल कर ज्ञापन दिया और उनसे तालाबों और नदियों को अतिक्रमण और प्रदूषण से मुक्त कर पुनर्जीवित करने के लिए प्रभावी कदम उठाने का अनुरोध किया।

साझा संस्कृति मंच और पर्यावरण बचाओ अभियान काशी से जुड़े सामाजिक कार्यकर्त्ता वल्लभाचार्य पाण्डेय ने कहा ने कहा कि जी -20 की तैयारियों के क्रम में शहर को सुंदर, हरियाली युक्त और स्वच्छ दिखाने के लिए किये जा रहे प्रयास सराहनीय हैं।

इसके साथ ही कुछ स्थाई और प्रभावी उपाय भी किये जाने की सख्त जरूरत है। वाराणसी आंकड़ो में एक स्मार्ट सिटी है लेकिन मोतीझील, सोनिया पोखरा, लहरतारा तालाब, पाण्डेयपुर तालाब आदि एक बदनुमा दाग का प्रतिरूप बन गये हैं। असि और वरुणा नदियों में बिना शोधित किये हुए मल जल का प्रवाह हो रहा है जो अंततः गंगा में ही जा रहा है, यह स्थिति चिंताजनक है।

मंडलायुक्त को दिए गये ज्ञापन में मांग की गयी कि मोतीझील, सोनिया पोखरा, लहरतारा तालाब, पाण्डेयपुर तालाब सहित काशी के सभी कुंडों और तालाबों तथा असि एवं वरुणा नदियों को अतिक्रमण और कचरे से मुक्त करते हुए पुनर्जीवित किया जाए।

बड़े तालाबो, असि और वरुणा के किनारे हरित पट्टी विकसित की जाए। ग्रामीण क्षेत्र के तालाबो को भी माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गयी व्यवस्था के अनुरूप वर्ष 1951 के राजस्व अभिलेखों के आधार पर अतिक्रमण और पट्टा हटाते हुए पुनार्जीर्वित किया जाए। आगामी मानसून सत्र से पूर्व यदि उक्त दिशा में सकारात्मक पहल होती है तो वर्षा काल में जल संचय हो सकेगा जिससे भूगर्भ जल स्तर में भी वृद्धि होगी।

मंडलायुक्त की अनुपस्थिति में अपर मंडलायुक्त प्रशासन विश्व भूषण मिश्र ने ज्ञापन स्वीकार करते हुए उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया. ज्ञापन देने वालों में वल्लभाचार्य पाण्डेय, डॉ. मोहम्मद आरिफ, सतीश सिंह, ओम प्रकाश मिश्र, आकाश यादव, अमृत कुमार, गौतम सिंह, विनय कुमार सिंह, राजकुमार पटेल, महेंद्र राठौर आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।

राजकुमार गुप्ता

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