नहर के नीचे कटान , देे रही मौत को दावत।
नदियों को आपस में जोड़ने के लिए खोदी गई नहर में बने पुलों के नीचे पानी से रास्ता कट जाने से कुएं की तरह गड्ढा हो गये हैं जिनके चलते कभी भी बडा हादसा हो सकता है।
इस कटान के चलते राहगीरों को आने जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। छात्र – छात्राओं को हमेशा दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है। लेकिन जिम्मेदार मूक दर्शक बने हुए हैं।
महोबा से बम्हौरी काजी जाने वाली मुख्य सड़क पर नहर पर बने पुलों के दोनों तरफ बरसात में पानी के बहाव से कुएं की तरह गड्ढे बनने से वाहनों को निकालने में परेशानी का सामना करना पड रहा है। जिससे कभी भी दुर्घटना हो सकती है। इस सड़क के रास्ते 2 दर्जन से अधिक गांव के लोग महोबा मुख्यालय आते जाते हैं, और बिलबई व महोबा मैं पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं भी इसी रास्ते से साइकिल एवं अन्य माध्यमों से निकलते हैं। पढ़ने वाले बच्चों ने बताया कि हमें यहां से निकलने में डर बना रहता है कि गड्ढे में ना गिर जाए, लेकिन जिम्मेदारों मूकदर्शक बने हुए हैं। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता ने बताया कि वहां पर सिंचाई विभाग जिम्मेदार है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों को जानकारी देने पर उन्होंने कहा कि कल ठेकेदार को भेजेंगे लेकिन 4 माह बीतने के बाद भी उनका कल आज में परिवर्तित नहीं हुआ।
केंद्र सरकार द्वारा सूखाग्रस्त क्षेत्रों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु केन बेतवा लिंक परियोजना द्वारा नहर बनवाई गई थी। इसी नहर पर महोबा के बरात पहाड़ी गांव के पास नहर के पुल के नीचे पानी के कटाव से बने गड्ढे किसी बड़ी अनहोनी को दावत दे रहे हैं। 2022 में बरसात के मौसम में बरात पहाड़ी की नहर की इसी पुलिया के नीचे पानी की वजह से गांव के मुख्य रास्ते पर कटान होने से कई गांवों का महोबा मुख्यालय से संपर्क टूट गया था, जिससे चार पांच गांवों को कुछ दिन भारी परेशानी का सामना करना पड़ा और पानी के तेज बहाव के चलते दो मोटरसाइकिल सवार भी बह गए थे, जिन्हें ग्रामीणों द्वारा बमुश्किल बचाया गया था। बरसात के चलते किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा वहां पर कुछ समय के लिए पोल डलवा कर अस्थाई व्यवस्था करवा दी गई थी। सिंचाई विभाग की लापरवाही के चलते दो बरसात निकलने के बावजूद भी उस समस्या का स्थाई रूप से कोई समाधान नहीं किया गया।इस बार भी बरसात में उसी जगह पुल के दोनों तरफ पानी के कटाव से दोनों तरफ भारी खतरनाक गड्ढे हो गए हैं। वहां पर रात्रि के समय में कोई भी वाहन दुर्घटना का शिकार हो सकता है।
ग्रामीणों का कहना है कि इस समस्या का स्थाई समाधान होना चाहिए । पैसे का भुगतान पूरा होने के बावजूद जिम्मेदारों द्वारा कार्य पूरा क्यों नहीं कराया जाता।
रिपोर्ट- राकेश कुमार अग्रवाल
योजना पूरी काम अधूरा, जिम्मेदार मौन
Click