लॉकडाउन के बाद मठ – मंदिरों को खोलने की तैयारी

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चित्रकूट – कोरोंना संक्रमण के फैलाव से बचाव के लिए किए गए लॉक डाउन के बाद अब सरकार देशभर के सभी धार्मिक स्थल खोले जाने की तैयारी में है प्रमुख मठ मंदिरों के भगवान के पट भी खोल दिए जाएंगे। अभी तक लोगों को भगवान के दर्शन नहीं हो पा रहे थे। लगभग ढाई महीने के बाद अब सभी देवस्थल खोल दिए जाएंगे। जिसके बाद श्रद्धालुओ को दर्शनों की छूट मिल सकेगी। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की तपोस्थली प्रमुख तीर्थ स्थल चित्रकूट के मठ मंदिर भी कल से खोल दिए जाएंगे।

उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा पर धर्म नगरी चित्रकूट धाम में भगवान श्री राम ने अपने वनवास काल का साढ़े 11 वर्ष से भी ज्यादा का समय व्यतीत किया था। दूर-दूर से लाखों श्रद्धालु चित्रकूट पहुंचकर मां मंदाकिनी में स्नान करते हैं। और कामदगिरि भगवान के दर्शन कर उनकी पांच किलो मीटर की परिक्रमा लगाते हैं। कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा के अलावा यहां पर सती अनसुईया, गुप्त गोदावरी, स्फटिक शिला, हनुमान धारा, मत गजेंद्र नाथ मंदिर जैसे विश्व प्रसिद्ध मंदिरों के साथ ही नित्य प्रति रामघाट में होने वाली सायंकालीन मंदाकिनी गंगा आरती स्थल भी है। जहां पर लोगों की भारी आस्था जुड़ी हुई है। केंद्र व राज्य सरकारों की गाइड लाइन के अनुसार अब इन मठ मंदिरों में पूजा-अर्चना हो सकेगी। भगवान के पट खुलने मात्र की सूचना मिलने पर ही जहां तीर्थ यात्रियों के साथ ही स्थानीय निवासियों के अलावा साधु-संतों में भी खुशी का माहौल है।तो वहीं कुछ साधु-संतों के साथ ही स्थानीय लोगों ने इस पर सवाल भी उठाते हुए कहा कि जिस गति से कोरोना की संख्या बढ़ रही है। उसको देखते हुए कहीं ना कहीं इससे भारी समस्या होगी।वर्तमान समय में मध्य प्रदेश के सतना जिले मे एक भी कोरोना पाजटिव मरीज नहीं है, तो वहीं उत्तर प्रदेश के चित्रकूटजिले में 64 से भी अधिक कोरोना के मरीज मिले हैं, जिसको लेकर यहां के लोगों में भय देखने को मिल रहा है। मठ – मंदिर खुलने के बाद इनमें उमड़ने वाली भीड़ के कारण कहीं ना कहीं आपस में संपर्क में आने से वह लोग भी संक्रमण का शिकार हो सकते हैं,जो अभी तक इससे बचे हुए हैं। बावजूद इसके प्रशासन मंदिरों की व्यवस्थाओं सहित साफ-सफाई और साधु-संतों से मास्क, सैनिटाइजर का प्रयोग करने की अपील करते हुए व्यवस्थाओं का जायजा ले रहा है।अब देखना यह होगा कि हर अमावस्या को यहां 10 लाख से 20 लाख श्रद्धालु चित्रकूट पहुंचते हैं ।आखिर उनकी व्यवस्था एवं उनकी सुरक्षा को लेकर उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश के सतना और चित्रकूट का जिला प्रशासन कैसे व्यवस्था करेगा।

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