विद्यालय व मंदिरो के पास मंडराते रहते हैं नशेड़ी

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स्कूल-कॉलेजों के पास ठेके, प्रशासन बना मूकदर्शक।

महराजगंज रायबरेली , आबकारी विभाग के अधिकारी नियम कानून को दर किनार कर अपनी जेबें भरने से कतई नही चूकते। फिर चाहे किसी की धार्मिक भावनाएं आहत हों या बच्चों और युवकों के मन पर विपरीत असर पड़े। विभाग के अधिकारियों को न तो मंदिर-मस्जिद की परवाह है और न ही अस्पतालों और शिक्षण संस्थानों की। अधिकारियों से सांठगांठ कर ठेका लेने वालों ने जहां चाहा वहीं देशी, अंग्रेजी, बीयर का ठेका खोल दिया, लेकिन विभागीय और जिला प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। शराब के ठेके स्कूलों एवं मंदिर-मस्जिदों से दूर खोलने का नियम जिले में फाइलों में सिमटा हुआ है। इस नियम का पालन कराने में आबकारी विभाग ढिलाई क्यों बरत रहा है यह एक यक्ष प्रश्न है।

महराजगंज क्षेत्र में अनेक स्थानों पर स्कूलों एवं मंदिरों के नजदीक शराब के ठेके खोले जाने का विरोध कई बार किया जा चुका है, मगर राजस्व प्राप्ति लक्ष्य के साथ-साथ शराब ठेकेदारों से मिलने वाले नजरानों को मद्देनजर रखते हुए विभाग ने इस विरोध को भी बौना कर दिया गया है। शराब कुमार्ग की जननी है। नशे में व्यक्ति बड़े से बडे अपराध को अंजाम दे देता है। स्कूल व मंदिर-मस्जिदों के पास शराब ठेकों से न केवल विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित होती है बल्कि आस्था को चोट भी पहुंचती है। इसी के तहत सारे नियम बनाए गए लेकिन पालन करवाने के अभाव में ये हर जगह अपना कब्जा जमाए हुए है।

सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश के चलते नेशनल हाइवे के किनारों से शराब के ठेकों को हटा लिया गया है। जिसके चलते ठेकों की संख्या में भी कमी आई है, लेकिन अब भी महराजगंज क़स्बा सहित नवोदय विद्यालय जैसे शिक्षण संस्थान को नहीं बक्सा गया। उसके सामने ही देशी ठेका खोल दिया गया जिससे शाम होते ही नशेड़ियों की भीड़ लग जाती है और विद्यालय के स्टॉफ व छात्रों का निकलना मुश्किल हो जाता है। जबकि विद्यालय के प्राचार्य नएक द्वारा कई बार उपजिलाधिकारी से लेकर जिलाधिकारी तक से ठेका हटाने कि मांग कि गई थी। लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। वही महराजगंज कस्बे में घनी आबादी के बीचो बीच कस्बे की आस्था की प्रतीक जसवंत्री माता मंदिर के महज 50 मीटर दूरी पर ही अंग्रेजी व देशी शराब ठेका खोल दिया गया है। जिससे आसपास रहने वाले लोगो को नशेड़ियों के कारण काफ़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसी तरह कस्बे के बछरांवा रोड स्थित कई विद्यालय व अस्पताल के सामने ही देशी, अंग्रेजी व बियर का ठेका खोला गया है।

आबादी वाले क्षेत्र में खुले शराब के ठेको से लेकर शाम को शराबी कस्बे कि सडको पर खुलेआम महफिलें सजाते रहते हैं। जिसको लेकर आसपास रह रहे परिवारों ने शाम ढलने के बाद सैर-सपाटे के लिए घर से निकलना बंद कर दिया है। इन शराबियो से परेशान लोगो ने कई बार उच्चाधिकारियो से शिकायत भी की है लेकिन ठेकेदारों द्वारा की जा रही आव भगत के चलते विभाग ठेका हटवा कर अपना घाटा नहीं उठाना चाह रहा है। नवोदय विद्यालय के प्राचार्य चन्दन बागीस से बात की गयी तो उन्होंने धन्यवाद देते हुए कहा की यह शराब ठेका विद्यालय के सामने से हटा लिया जाय तो यह एक बहुत ही सराहनीय कार्य होगा। इससे हमारे बच्चों व स्टॉफ को जो समस्याएं हो रही है उनसे निजात मिल जाएगी। साथ ही इसके हटाने के लिए जहाँ भी मेरी अवश्यकता पड़ेगी मैं वहां तक शिकायत करुँगा।

अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप , प्रदेश सरकार के नियमों के मुताबिक, किसी भी स्कूल या शैक्षणिक संस्थान की 100 मीटर की परिधि में देशी, अंग्रेजी शराब या बियर की दुकान नहीं हो सकती है। इसी तरह आबादी के बीच में भी ठेका नहीं खोला जा सकता है। ठेका जारी करने से पहले प्रशासन की ओर से प्रस्तावित जमीन का सर्वे करवाया जाता है। लोगों का आरोप है कि शराब माफिया सर्वे करने वाले अधिकारियों की जेबें गरम करके अपनी मनमाफिक रिपोर्ट बनवा लेते हैं, जिसके आधार पर प्रशासन की ओर से ठेके के लिए लाइसेंस जारी कर दिए जाते हैं।

रिपोर्ट- अशोक यादव एडवोकेट

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