शिक्षण कार्य छोड़कर एनजीओ का कार्यक्रम सफल बनाया जाएगा तो कैसे सफल होंगे भारत के भविष्य?

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डलमऊ ब्लाक में आयोजित एक एनजीओ के कार्यक्रम में स्कूल छोड़ पहुंचा शिक्षा विभाग

डलमऊ रायबरेली – कहते हैं बच्चे भारत का भविष्य हैं मगर यदि उन्ही भविष्य निर्माताओं के भविष्य को न संवारकर यदि अध्यापकों से एनजीओ में भीड़ बढ़ाने का काम करवाया जाएगा तो देश का भविष्य किस गर्त में जाएगा इसका अंदाजा आप स्वयं ही लगा सकते हैं।
डलमऊ विकास खण्ड सभागार में सोमवार को एक फाउंडेशन की तरफ से मिशन शक्ति के अंतर्गत आयोजन किया जाना था, कार्यक्रम के आयोजक फाउंडेशन के मुखिया थे, इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए शिक्षा विभाग के खंड शिक्षा अधिकारी डलमऊ महोदय ने भी अपनी पूरी ताकत लगा दी, मगर इस चक्कर मे शायद साहब विभाग के उन तमाम शासनादेशों को दरकिनार कर बैठे जिनमे स्पष्ट रूप से कड़े शब्दों में यह निर्देश दिये गए हैं कि विद्यालय के शिक्षण समय मे अध्यापकों से सिर्फ विद्यालय का पठन पाठन का कार्य करवा जाए, साहब ने सभी शाषनादेशो को ताक पर रखते हुए 66 महिला अध्यापिकाओं को फाउंडेशन के कार्यक्रम सफल बनवाने के निर्देश दिए , खण्ड शिक्षा अधिकारी के इस निर्देश पर पूरे ब्लाक के शिक्षक भी अचंभित थे।

देवेश वर्मा रिपोर्ट

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