समीक्षा अपेक्षित है!!

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समीक्षा अपेक्षित है!!

देश !   हो   समृद्धशाली!
हम  करें!   ऐसे   जतन!!

नफरती !  संभाषणों  से!
सिर्फ   होता   है   पतन!!

स्वास्थ्य, शिक्षा  पर करें!
गंभीरता से आत्म चिंतन!!

हर हांथ में हो काम कोई !
बाजार पर !पूरा नियंत्रन!!

हांथ! में  जब  काम होगा!
अपराध  कम  हो  जायेंगे!!

परिवार में सुख शांति होगी!
नव   सर्जना   कर   पायेंगे!!

स्वास्थ्य  का  स्तर   सुधारो!
खुश हाल  हो अपना वतन!!

जो भूमि का  उद्धार  करते!
उनके  लिए  भी  खुद्दार हो!!

जल बिना  जीवन न,जाये !
कृषिकेश!  का  उद्धार हो!!

शहरी करण की आंधियों में!
गांव  को भी कुछ हक मिले!!

पहंचान  कर सिन्नी  न बांटो!
जिसको  मिले वाजिब मिले !!

हम  सभी  मिलकर  सजाएं!
एक  खूबसूरत अहले चमन !!

धर्म!  तो!  तन में!  सना है!
वह ! सनातन है! रहेगा भी!!

धर्म!  तो  पारा   सरीखा  है!
वह ,परमात्मा,है! बहेगा भी!!

ब्यर्थ  की  बकवास में क्यों !
ऊर्जा  स्वयं  की  नष्ट करते!!

भगवान  ने जो शक्ति दी थी!
उसका उचित उपयोग करते!!

ज्ञान में विज्ञान में! पहचान में!
भारत! बनें   अनमोल  रतन!!

देश !     हो      समृद्धशाली !
हम !  करें    ऐसे      जतन!!

नफरती !     संभाषणों    से!
सिर्फ!    होता   है!    पतन!!

       ,,, रमेश चातक,,,,

रिपोर्ट- संदीप कुमार फिजा

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