सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट की पहल पर अजांव प्राथमिक विद्यालय में बाल साहित्य उपलब्ध कराए गए

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बच्चों में पढ़ने की आदत बनाये रखना जरूरी : वल्लभाचार्य पाण्डेय
बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक विद्यालय अजांव में सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट द्वारा बच्चो की पुस्तकें प्रदान करते हुए आशा बाल पुस्तकालय की श्रृंखला प्रारंभ की है। एक देश समान शिक्षा अभियान के अंतर्गत सभी को समान और बेहतर शिक्षा के अवसर की उपलब्धता के लिए संस्था द्वारा कुछ सरकारी स्कूलों में बाल साहित्य प्रदान किया जा रहा है।

इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए आशा ट्रस्ट के समन्वयक वल्लभाचार्य पाण्डेय ने कहा कि बदलते समय के साथ बच्चों में पढने की रूचि कम हो रही है जबकि पढ़ने की आदत से ही बच्चों का सर्वांगीण विकास होगा और वे जागरूक होंगे अन्यथा सोशल मीडिया पर प्राप्त अधकचरी और असत्य जानकारियों को ही सत्य मानने से  उनमे सही गलत की पहचान करने की क्षमता नष्ट हो जायेगी।

कार्यक्रम संयोजक दीन दयाल सिंह ने कहा कि हमने देश के विभिन्न प्रकाशकों से रोचक बाल साहित्य का चयन किया है जिससे बच्चों में पढने के प्रति उत्साह का संचार हो, हमारी कोशिश है कि राजवारी, चौबेपुर और धौरहरा संकुल के अन्य विद्यालयों में भी हम आशा बाल पुस्तकालय की स्थापना कर पाएं।

विद्यालय के प्रधानाध्यापक कमलेश कुमार ने कहा कि व्यक्तित्व विकास के लिए  किताबों का बहुत महत्व है, इसमें निहित ज्ञान को आत्मसात करने से हम परिवार, समाज, देश और प्रकृति के प्रति एक जिम्मेदार नागरिक बन सकते हैं।

इस अवसर पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन द्वारा अपने पुत्र के शिक्षक को लिखे पत्र को भी प्रदर्शित किया गया जिसमे उन्होंने शिक्षक से अपील की है कि बच्चे को स्थानीय परिवेश और जानकारियों से अवगत कराते हुए उसमे अधिकतम पुस्तकों को पढ़ने की रूचि पैदा करें।

इस अवसर पर कार्यक्रम में  सौरभ चन्द्र, शशिकला, संजय कुमार कुशवाहा, नौशीन नाज़, अनिल कुमार, अजय शेखर सिंह, सुनंदा चौबे, संजय कुमार, संगीता यादव, शहजाद आदि की प्रमुख रूप से उपस्थिति रही।

रिपोर्ट – राजकुमार गुप्ता

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