आज यानी 21 जून को साल का पहला सूर्यग्रहण लग रहा है. यह ग्रहण वलयाकार होगा भारतीय समयानुसार, सुबह 9.15 बजे शुरू होगा और दोपहर 3.04 बजे तक जारी रहेगा. दोपहर लगभग 12:10 बजे यह अपने शीर्ष स्तर पर पहुंचेगा. इस सूर्यग्रहण में चांद सूरज के मध्य भाव को कवर कर लेगा और रिंग ऑफ फायर बनेगी. यह भी कहा जा रहा है कि इस तरह का सूर्यग्रहण अब 1023 वर्ष बाद 3043 में लगेगा.
इस महा सूर्यग्रहण को एशिया, अफ्रीका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत और हिंद महासागर से देखा जा सकेगा. देश के कुछ भागों में यह पूर्ण रूप से दिखाई देगा. भारत में सबसे पहले राजस्थान के भुज में इसे देखा जा सकेगा. राजधानी दिल्ली की बात करें तो सूर्यग्रहण को केवल आंशिक रूप से सुबह 10.19 बजे से लेकर दोपहर 1.48 बजे तक देखा जा सकता है. हरियाणा के कुरुक्षेत्र, सिरसा, राजस्थान के सूरजगढ़, उत्तराखंड के देहरादून और चमोली में रिंग ऑफ फायर दिखाई देगा.
क्या है वलयाकार सूर्यग्रहण
वलयाकार सूर्यग्रहण न तो आंशिक ग्रहण होता है और न ही पूर्ण. चंद्रमा की छाया सूर्य का 99 फीसदी भाग ढक लेती है, जिस कारण सूर्य के किनारे वाले हिस्सा प्रकाशित रहता है और बीच का हिस्सा पूरी तरह से चांद की छाया से ढक जाता है.
सूर्यग्रहण देखते वक्त इन बातों का रखें ध्यान
- सूर्यग्रहण को नंगी आंखों से न देखें, यह नुकसानदेह है.
- सूर्यग्रहण देखने के लिए सनग्लासेज, गॉगल्स, एक्सपोज्ड एक्सरे शीट या ग्लास पर लैंपब्लैक लगाकर इस्तेमाल न करें.
- पानी में सूर्य की छवि न देखें, इससे आंखों को नुकसान पहुंच सकता है.
- सूर्यग्रहण देखने के लिए केवल 13 या 14 नंबर वाले वेल्डर्स ग्लास का इस्तेमाल करें.
कब होता है सूर्य ग्रहण?
बता दें कि एक सूर्य ग्रहण तब होता है, जब सूरज, पृथ्वी और चांद एक साथ सीधी रेखा में आ जाते हैं. इसमें चांद, सूरज और पृथ्वी के मध्य में होता है. इससे पृथिवी को आने वाली सूरज की कुछ रोशनी में रुकावट होती है जिससे एक परछाई बन जाती है और आकाश थोड़ा काला हो जाता है.
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