रिपोर्ट – बिस्मिल्ला ख़ान
अयोध्या – अयोध्या में सावन के पहले सोमवार में पुलिस के कड़े पहरे में महादेव के भक्त अभिषेक कर रहे हैं।धर्म नगरी अयोध्या के सरयू तट सूना है। मंदिरों में भी भक्तों की भीड़ नहीं है। अयोध्या के प्रवेश मार्गों पर पुलिस का कड़ा पहरा है। बाहर से आने वाले कावरियों शिव भक्तों को अयोध्या में प्रवेश पर रोक है।पुलिस स्थानीय लोगो को उनकी आईडी देख कर शहर में प्रवेश दे रही है।कोरोना संक्रमण के खतरे ने भक्त और भगवान के बीच रेखा खींच दिया है। श्रावण मास में पहले लाखो की संख्या में श्रद्धालुओं का तांता अयोध्या में लगा रहता था। अयोध्या के शिवालयों पर भक्तो की लंबी कतार देखी जाती थी।जिसको नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बलों को खासा मसक्कत करना पड़ता था।आज भी पुलिस बल तैनात है लेकिन आज बाहर से आने वाले कावरियों श्रद्धालुओं को रोकने के लिए है । कोरोना संक्रमण काल में जिला प्रशासन ने अयोध्या के सरयू घाट पर सामूहिक स्नान पर रोक लगा रखा है। यही नहीं मंदिरों में आयोजित धार्मिक आयोजनों पर भी कुछ रिस्ट्रिक्शन के साथ रोक लगा रखा है। जिससे कोरोना संक्रमण से ज्यादा से ज्यादा लोगों को बचाया जा सके। अयोध्या के शिवालयों में पुलिस बल तैनात हैं जो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने में लगे हुए हैं । शिवालयों पर स्थानीय लोगों को ही भोलेनाथ के शिवलिंग पर अभिषेक करने की इजाजत है। मंदिर प्रशासन भी सोशल डिस्टेंसिंग के पालन करने की अपील श्रद्धालुओं से कर रहा है। सरयू घाट सूना है जिला प्रशासन ने सामूहिक स्नान को प्रतिबंधित कर रखा है। सरयू घाट पर पुलिस बल तैनात है कि बाहर से आने वाले श्रद्धालु कावड़िए सामूहिक स्नान ना कर सके और कोरोना संक्रमण से ज्यादा से ज्यादा लोगों को बचाया जा सके। पुलिस के इन उपायों के बाद भी 108 ज्योतिर्लिंगों में एक नागेश्वर नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं के बीच सोशल डिस्टेंसिंग नहीं देखने को मिला है। हालांकि जो श्रद्धालु भोलेनाथ की पूजा करने के लिए पहुंच रहे हैं वह कोरोना संक्रमण से देश मुक्त हो इसकी प्रार्थना कर रहे हैं। एसपी सिटी विजय पाल सिंह का कहना है की बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं पर प्रतिबंध लगाया गया है। इस बार कावड़िए सरयू स्नान नहीं कर सकेंगे और नाही अयोध्या के शिवालयों में अभिषेक कर सकेंगे। अयोध्या बॉर्डर पर तैनात पुलिसकर्मी आईडी देखकर स्थानीय लोगों को शहर में प्रवेश करने दे रहे हैं । इन सब उपाय का एक ही मकसद है की कोरोना संक्रमण से ज्यादा से ज्यादा लोगों की रक्षा की जा सके।