पत्रकारों ने लगातार चलाई थी खबर बेपटरी हो गई है पुलिस व्यवस्था
रिपोर्ट – दुर्गेश सिंह
सलोन / रायबरेली – “हमारे साहब ना किसी से मिलते हैं और ना ही अखबार पढ़ते हैं” मामला सलोन में एक व्यक्ति व उसके परिवार की युवती के साथ हुई मारपीट की घटना का सीधा संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं उन्होंने कहा है कि इन अपराधिक तत्वों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून पर विचार करते हुए इन्हें कड़ी सजा दिलाई जाए। आखिरकार घटना का संज्ञान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिया त्वरित कार्यवाही के आदेश दिए और एनएसए की कार्यवाही करने को कहा। जनपद रायबरेली एक से एक बढ़कर अपराध की वारदातें हुई तो हर एक नागरिक डरा और सहमा नजर आया। नागरिकों ने यह भी कहा पुलिस अधीक्षक महोदय कर क्या रहे हैं! जब रायबरेली में अपराध लगातार बढ़ते जा रहे हैं? खैर वह तो पुलिस अधीक्षक रायबरेली ही बता सकते हैं! लेकिन उनकी असफलता पर सवालिया निशान लगने जरूरी थे और लगे भी। जब आज सलोन में घटित हुए घटनाक्रम का संज्ञान मुख्यमंत्री ने लिया तो इससे साफ संदेश चला गया कि उन्होंने क्या अंदाजा लगाया होगा रायबरेली की पुलिस व्यवस्था पर! जनपद में लगातार खबरें चलती रही लेकिन उस पर रायबरेली पुलिस की नजर पहुंच ही नहीं रही थी खुलासे करके यह जताया जा रहा था नहीं हम हैं हम अपराध पर अंकुश लगा रहे हैं इसकी गवाही अपराधियों की फोटो और प्रेस विज्ञप्ति लगातार पत्रकारों को भेजी जा रही थी। लेकिन यह सब क्रियाकलाप असफल साबित हो रहा था अपराध लगातार बढ़ते जा रहे हैं। हालात पूरी तरह से बेकाबू है।
जनपद के हालातों का जायजा खुद ले रही हैं आईजी लक्ष्मी सिंह
हालात इतने बिगड़ गए कि मुख्यमंत्री ने जब मामले का संज्ञान लिया तो घटना स्थल का जायजा लेने खुद आईजी लक्ष्मी सिंह पहुंची हैं कोतवाली सलोन, पुलिस अधीक्षक क्षेत्राधिकारी वाकई थानों की पुलिस उनके काफिले में। जनपद के हालात और लगातार बेपटरी होती पुलिस व्यवस्था की जानकारी आईजी लक्ष्मी सिंह के ट्विटर हैंडल से रायबरेली के पत्रकार दे रहे थे उनको बताने की कोशिश कर रहे थे कि जनपद के हालात संभाले नहीं संभल रहे हैं तुरंत एक्शन लीजिए। लेकिन आज मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद रायबरेली पुलिस में हड़कंप मचा हुआ है।
कुशल इंस्पेक्टरों की मौजूदगी लेकिन फिर भी थाने सब इंस्पेक्टरों के हवाले
जनपद रायबरेली में कुशल इंस्पेक्टरों की मौजूदगी होने के बाद भी थानों का संचालन सब इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी कर रहे हैं। अपने कुशल अनुभव के साथ इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी बेहतर ढंग से थानों को चला सकते हैं इसके बाद भी रायबरेली पुलिस में ज्यादातर थानों में सब इंस्पेक्टरों के हवाले थानों को कर दिया गया है। जहां बड़ा सवालिया निशान है आखिर लखनऊ से इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हो रही है इस पर संज्ञान क्यों नहीं लिया जा रहा है? आखिर इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों को जनपद मुख्यालय में तैनात करके पुलिस की सक्रियता से समझौता क्यों किया जा रहा है? फिलहाल रायबरेली में आईजी रेंज की मौजूदगी है अब देखना होगा वह रायबरेली की पुलिस व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए क्या करती हैं?