साहब, धर्मनगरी में समाजसेवियों और अधिकारियों ने आपके आदेश के पहले ही शुरू कर दी थी सेवा

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संदीप रिछारिया (वरिष्ठ संपादक)

चित्रकूट। धर्मनगरी के हजारों बन्दर, गाय, कुत्ते, मोर और भिक्षा मांगने वाले दिल से भर भर के आशीष दे रहे है उन्हें, जिन्होंने सरकारी फरमान का इंतजार न कर जनता कर्फ्यू के दिन से उनका पेट भरने का काम शुरू कर दिया था। चित्रकूट में यह पहल करने वाले सबसे पहले व्यक्ति बने नयागांव नगर पंचायत के सीएमओ रमाकांत शुक्ला, पत्रकार पंकज मिश्र, कामदनाथ मन्दिर के पुजारी भरत शरण और रोहित मिश्र, समाजसेवी संदीप तिवारी हेमू, प्रदीप तिवारी ने जनता कफ्यू के दिन से ही सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट के इलेश जैन से भोजन के पैकेट व मुरैना जिले के कुछ भक्तो के माध्यम से चना आदि लेकर जानवरो और गरीबो की मदद करना प्रारम्भ कर दिया। एक ही दिन बाद लाकडाउन होने पर चित्रकूट के क्रशर व्यापारी वीपी जायसवाल, व्यापार मंडल के ओम केशरवानी, सुनील द्विवेदी, विनोद गुप्ता, पत्रकार रतन पटेल, शंकर यादव अपनी टीम के साथ रोजाना सुबह परिक्रमा के साथ अन्य क्षेत्रों में जानवरों व लोगो को भोजन पहुचाने का काम लगातार कर रहे है। इसी प्रकार लाकडाउन के तुरंत बाद ही डीआरआई के अभय महाजन भी अपनी टीम के साथ लगातार भूखों को भोजन करने के काम मे लगे हुए है। इधर लाकडाउन के दो दिन बाद ही स्थिति को समझकर लगातार प्रतिदिन चौकी इंचार्ज सीतापुर रामवीर सिंह भी चित्रकूट परिक्षेत्र के विभिन्न स्थानों में जाकर बन्दरो व गायो को भोजन कराने का काम कर रहे है। प्रमुख द्वार के संत मदन गोपाल ने दो दिन गाड़ी से भोजन भेजा, इसी प्रकार कुछ समाजसेवी संस्थाओं ने भी एक दो दिन कुछ लोगो को भोजन बाटकर मीडिया व सोशल मीडिया के माध्यम से खुद को सबसे बड़ा धर्मात्मा बताने का प्रयास किया। सोमवार से जगदगुरु रामभद्राचार्य महराज ने भी अपने वाहनों के माध्यम से पोहा व पूड़ी सब्जी भेजने का काम शुरू किया। वैसे सोशल मीडिया पर एक दर्जन केले और एक किलो चना बन्दरो को देने वालो के खूब फोटो व वीडियो वायरल हो रहे है।

भाजपा नेता आनंद सिंह पटेल की रोज शाम यज्ञवेदी मन्दिर के बन्दरो को केले खिलाने की सेवा पिछले कई सालों से अनवरत रूप जारी है तो पिछले छह महीनों से पर्णकुटी मन्दिर के पुजारी राजेन्द्र तिवारी अपने हाथों से बनी रोटी उन्हें खिला रहे है।

राजेन्द्र तिवारी ने कहा कि वास्तव में चित्रकूट के लोग बहुत धर्मात्मा है। लाकडाउन के पहले ही दिन से लोग बंदरो के लिए लगातार भोजन दे रहे है। यह बहुत सुंदर है,क्योंकि चित्रकूट की शोभा मन्दाकिनी, कामतानाथ,यहाँ के हरे भरे वन और वानर है।

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