हाथरस में पत्रकारों के साथ बर्बरता … लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन – राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ (एनएमसी)

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भारतीय पत्रकारिता इतिहास में महिला पत्रकारों के साथ प्रशासन ने अपनाया बर्बरतापूर्ण रवैया – राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ

स्थानीय प्रशासन ने हाथरस में बना दिया था अघोषित आपातकाल का माहौल पत्रकारों से हो रही थी हाथापाई

रायबरेली में पत्रकारों ने निंदा प्रस्ताव पास किया दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करने की मांग की

दुर्गेश सिंह

रायबरेली – हाथरस कांड का कवरेज कर रहे पत्रकारों के साथ स्थानीय प्रशासन द्वारा अपनाए गए बर्बरतापूर्ण रवैया का विरोध पूरे उत्तर प्रदेश में हो रहा है पत्रकार अघोषित आपातकाल कह चुके हैं। हाथरस प्रशासन द्वारा पत्रकारों के साथ किए गए दुर्व्यवहार का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ रायबरेली की इकाई ने निंदा प्रस्ताव पास किया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों पर तुरंत प्रभावी कार्यवाही की जाए जिससे पत्रकारिता के हितों की रक्षा हो सके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा हो सके। रायबरेली जनपद के डिग्री कॉलेज स्थित कार्यालय में राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ की इकाई ने आपातकालीन बैठक कर पत्रकारों के साथ हाथरस में हुए दुर्व्यवहार को संवैधानिक मूल्यों का हनन करार दिया गया। राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के जिला अध्यक्ष ओम प्रकाश मिश्रा ने कहा हाथरस कांड में कवरेज कर रहे पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार किया गया है महिला पत्रकारों के साथ पुलिस प्रशासन ने मिलकर दुर्व्यवहार किया यह पत्रकारिता में काला अध्याय के रूप में लिखा जाएगा ऐसा दुर्व्यवहार आज तक नहीं किया गया। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पत्रकारिता हितों की रक्षा करने एवं हाथरस प्रशासन पर तुरंत उचित कार्यवाही करने की मांग की जिससे लोकतंत्र में पत्रकारिता के मूल्यों की रक्षा हो सके। महासंघ के जिला संयोजक व मंडल अध्यक्ष दुर्गेश मिश्रा ने कहा हाथरस कांड का कवरेज कर रहे स्थानीय मीडिया व राष्ट्रीय मीडिया के साथ बदसलूकी के साथ हाथरस प्रशासन का जो रुख रहा है वह कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा मीडिया कर्मियों के साथ हाथापाई व पुलिस जीप में महिला पत्रकारों को भरकर उठा ले जाना यह रवैया लोकतांत्रिक देश में बर्दाश्त करने के काबिल भी नहीं है। उन्होंने सरकार से मांग की है तुरंत प्रभावी कार्यवाही की जाए जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों पर कठोर कार्यवाही करें जिससे देश में नजीर बन सके कि पत्रकारिता को दबाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ देश के सभी पत्रकारों के साथ खड़ा है। सवाल सबसे बड़ा यही है कि किसी भी प्रदेश में मीडिया कर्मियों को नहीं रोका जाता है मीडिया अपना काम करती है प्रशासन अपना काम करता है लेकिन हाथरस में ऐसा क्या छुपाया जा रहा था कि मीडिया को 24 घंटे रोका गया जिसे देश में ही नहीं मीडिया कर्मियों के साथ बर्बरतपूर्ण रवैया विदेशी मीडिया ने भी कवर किया है। यह चिंतनीय विषय है लोकतंत्र के अधिकारों की रक्षा सरकार को करनी चाहिए खासतौर पर मीडिया की क्योंकि इसे चौथा स्तंभ कहा जाता है। लेकिन चौथे स्तंभ के साथ जो दुर्व्यवहार किया गया उसे देश की देश की मीडिया ने खबर किया है और शर्मिंदा भरा है सरकार को तुरंत कार्यवाही करनी चाहिए। महामंत्री धीरज श्रीवास्तव ने कहा शर्मसार होकर कहना पड़ रहा है विश्व के सबसे मजबूत लोकतंत्र में पत्रकारों पर ऐसा अत्याचार किया गया हाथरस में पत्रकार चोटिल हो रहे थे कोई जमीन पर गिर रहा था कोई धरना दे रहा था सिर्फ अपनी ड्यूटी करने के लिए आखिर प्रशासन इतना असंतुलित कैसे हो सकता है अधिकारी इतने गैर जिम्मेदार कैसे हो सकते हैं क्या उन्हें चौथे स्तंभ की जरा सी भी फिक्र ना थी। श्री श्रीवास्तव ने कहा तुरंत मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, आदरणीय सुप्रीम कोर्ट पत्रकारों के साथ हुए दुर्व्यवहार के इस गंभीर मामले में दखल दें दोषी प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों पर गंभीर कार्यवाही करें जो नजीर बन जाए पत्रकारिता को डिगाने से पहले कोई भी अधिकारी पत्रकारिता के हितों की रक्षा करें।

तमाम पदाधिकारी रहे मौजूद

आपातकालीन बैठक में संरक्षक आलोक मिश्र ,महामंत्री धीरज श्रीवास्तव, युवा अध्यक्ष दुर्गेश पांडे ,युवा महामंत्री रत्नेश मिश्रा कोषाध्यक्ष मनोज त्रिवेदी ,वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनुज अवस्थी ,उपाध्यक्ष रोहित मिश्रा ,धैर्य शुक्ल, अनुज मौर्य, मंत्री शिवा मौर्य , केशवानंद शुक्ला , अखिल श्रीवास्तव , मनोज मिश्रा, पवन मिश्रा ,संयुक्त मंत्री राम सजीवन चौधरी ,संगठन मंत्री राहुल मिश्रा, विधिक सलाहकार नरेंद्र पांडेय, जिला कार्यकारिणी सदस्य ,बृजेश पांडेय ,हर्षित शुक्ला ,शिव प्रकाश तिवारी , इंद्र कुमार शर्मा ,मीडिया प्रभारी दुर्गेश सिंह चौहान ,उदय सिंह , शत्रोहन सिंह , सुनील कुमार ,अरुण पांडेय ,मनीष अवस्थी ,आराधना आदि मौजूद रहे।

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