अक्सर कार्यालय से नदारद रहते है अधिकारी, काम के लिए गणेश परिक्रमा लगा रहे लोग

9

महोबा , जिले के मौदहा बांध सिंचाई विभाग के अधिकारी ज्यादातर अपने कार्यालय से नदारत रहते हैं। साथ ही महीने में दो तीन बार बैठकर खाली फाइलों में हस्ताक्षर करने का काम करते हैं वही दूर दराज गांव से जो लोग सिंचाई के संबंध में शिकायतें लेकर आते हैं वह ज्यादातर बेरिंग वापस लौट जाते हैं क्योंकि मौदहा बांध प्रथम के अधिकारी एक तो समय सारणी के साथ अपनी कुर्सी पर उपलब्ध नहीं होते हैं और अगर उपलब्ध होते हैं तो उनको इतनी फुर्सत नहीं की वह लोगों से मिल सके इसलिए लोग मौदहा बांध प्रथम अधिकारी की गणेश परिक्रमा करके वापस लौट आते हैं मायूस होकर क्योंकि ज्यादातर अधिकारी मोबाइल पर गेम खेल कर अपना समय बिताते हैं इसलिए आम जनमानस से मिलने तक की फुर्सत साहब को नहीं है।

सोमवार के दिन कुछ लोग मौदहा बांध प्रथम अधिकारी से मिलने के लिए गए थे पर अधिकारी ने उन लोगों से मिलना मुनासिब नहीं समझा क्योंकि उन लोगों से साहब को कोई फायदा नहीं होना था इसलिए उन्होंने उनसे मिलना मुनासिब नहीं समझा क्योंकि ज्यादातर मौदहा बांध के प्रथम खंड के अधिकारी एक तो समय पर अपनी सीट पर नहीं बैठते हैं साथ ही जब भी वह सीट पर बैठते हैं तो ज्यादातर दलालों से गिरे रहते हैं इसलिए वह ज्यादातर लोगों से नहीं मिलते हैं। मौदहा बांध प्रथम में ज्यादातर कर्मचारी मोबाइल पर गेम खेलते हुए आपको देखने को मिल जाएंगे इसलिए अधिकारी लोगों से मिलना पसंद नहीं करते हैं वहीं दूसरी ओर मौदहा बांध द्वितीय का इससे भी बुरा हाल है।

क्योंकि वहां के ज्यादातर अधिकारी और कर्मचारी मोबाइल पर गेम खेलते हुए आपको देखने को आसानी से मिल जाएंगे अगर कोई उनसे मिलने पहुंच जाता है तो अधिकारी उससे यही बात कहते हैं कि जिले में कोई काम नहीं है तो हम भला क्या करें क्योंकि कोई भी ठेकेदार सिंचाई विभाग में काम के लिए आता नहीं है वही हम आपको बता दें कि अगर जिले के सिंचाई विभाग का यह आलम है तो महोबा जिले के उन विभागों का क्या आलम होगा जिन विभागों के अधिकारी चार-चार जिलों का कारोबार संभाल कर काम कर रहे हैं सही मायने में देखा जाए तो सरकार को ऐसे अधिकारी चूना लगाने में जरा भी नहीं संकोच करते हैं क्योंकि घर में आराम और मोबाइल में गेम खेलने से जब अधिकारियों की फितरत हो वही हम आपको बताते चलें कि सरकार भले ही भाजपा की जिले और देश में चल रही हो लेकिन अधिकारी करते अपनी मनमानी पर आमादा है।

रिपोर्ट- राकेश कुमार अग्रवाल

Click