बहन-बेटियों को जाना पड़ता है खुले में शौच

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मांधाता, प्रतापगढ़। जिले के मानधाता ब्लाक इन दिनों चर्चा में है नये नये मामले सामने आ रहे हैं वहीं केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में अनन्य जन कल्याणकारी योजनाएं चला रही है धरातल पर पहुंचाने के लिये जिम्मेदार लोगों की जिम्मेदारी भी है। लेकिन साहब को फुर्सत नहीं है कि धरातल पर इसका सत्यापन करें और कार्यवाही करे।

ग्रामीणों की आवाज शिकायत सुनने वाला इस जिले में कोई भी अफसर कमर्चारी व सत्ता पक्ष, विपक्ष का नेता नहीं है।
लिलौली गांव की बदहाल स्थिति में सामुदायिक शौचालय में केयर टेकर की नियुक्ति तो है कागजों में मानदेय निकाला जाता है। लेकिन समूह की अध्यक्ष की कैसी मंशा है

इसको भगवान जाने एक बार मानदेय भत्ता दिया गया है उसके बाद नहीं। वही ग्रामीण महिला युवा बुजुर्ग का बड़ा आरोप केयर टेकर आती है सुबह शाम लेकिन वह बिधवा महिला है जब उसको मानदेय भत्ता व सामुदायिक शौचालय में प्रतिमाह हारपिड साबुन अन्य सामान बाल्टी जग कुछ नहीं है तो लोग कैसे शौचालय का करें उपयोग बड़ा सवाल। वही गढ्ढा बनाकर खुलें में छोड़ दिया गया है।

गांव की महिलाएं बेटियों युवा बुजुर्ग सब खुले में शौच (ODF) करने के लिए मजबूर हैं जिम्मेदारो से कोई वास्ता सरोकार नहीं है। प्रधान राम किशोर अपनी दो बेटियों के नाम से मनरेगा योजना में मजदूरी निकाल कर खा रहे हैं वहीं अपने भतीजे की नियुक्ति गांव पंचायत सहायक के पद पर करके बड़ा गोलमाल कर रहे हैं।

नाली निर्माण कार्य में पीली ईट का प्रयोग भी करके जेब भर रहे हैं। यही है धरातल पर प्रतापगढ़ जिले की मांधाता ब्लॉक में सरकारी योजनाओं का विकास। धरातल पर सरकारी योजनाओं में लूट खसोट जारी है सरकारी योजनाओं के बिकास में उड़ रही है धज्जियां। 

रिपोर्ट- अवनीश कुमार मिश्रा

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