सामाजिक शिक्षण केंद्र में 4 महीने का अवकाश शुरू

19
  • अनोखा शिक्षण केंद्र, जहां होती है 4 महीने की छुट्टी

  • ईंट-भट्ठे पर कार्यरत प्रवासी मजदूरों के बच्चों की विदाई

  • आशा ट्रस्ट के सामाजिक शिक्षण केंद्र में 4 माह का अवकाश

वाराणसी। सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट द्वारा स्थानीय भन्दहा कला गांव में संचालित तीन ईंट भट्ठों पर प्रवासी मजदूरों के बच्चों की पढ़ाई के लिए सामाजिक शिक्षण केंद्रों का संचालन नवम्बर माह से किया जा रहा था। इसमे कुल लगभग 100 बच्चे पढ़ाई करते थे। इनमें से बहुत से बच्चे प्राथमिक विद्यालयों में भी पंजीकृत हैं। केंद्र का संचालन शाम के समय किया जाता रहा।

बारिश प्रारम्भ होने पर अब ईंट पाथने का काम बंद हो गया है अतः छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, मध्यप्रदेश आदि राज्यों से आये हुए प्रवासी श्रमिकों की वापसी होने लगी है। इसलिए सामाजिक शिक्षण केंद्रों में 4 महीने का अवकाश कर दिया गया।

अब यह शिक्षण केंद्र नवम्बर माह में मजदूरों के वापस आने पर पुनः प्रारंभ होंगे। विगत 8 महीनो मे बच्चों ने काफी कुछ पढ़ना लिखना सीखा, अनेक प्रकार की शैक्षणिक गतिविधियों के संचालन से उनका आत्मविश्वास बढ़ा।

शनिवार को औपचारिक विदाई के अवसर पर आशा संस्था की तरफ से बच्चों को कॉपी, पेंसिल, रंग, खिलौने आदि उपहार में दिए गए। अभिभावकों को सुझाव दिया गया कि वे अपने गांव वापस जाकर भी बच्चों को पढ़ाई करते रहने के लिए प्रेरित करें जिससे उनकी रुचि बनी रहे।

इस अवसर पर संस्था के वल्लभाचार्य पांडेय ने कहा कि किसी को नही पता कि फिर कभी मिलना होगा या नही, लेकिन हम सभी लोग चाहते हैं कि अगले सत्र में फिर आप लोगों का यहीं आना हो जिससे सीखने का क्रम आगे भी जारी रहे। आप जहां भी रहो, मन लगा कर खूब पढ़ो, आगे बढ़ो और नेक इंसान बनो।

इस अवसर पर दीन दयाल सिंह, महेश कुमार, प्रदीप सिंह, विद्या देवी, आँचल कुमारी, रमेश प्रसाद, रचना, सौरभ, अमित कुमार आदि की प्रमुख रूप से उपस्थिति रही।

राजकुमार गुप्ता

Click