उत्तर मध्य रेलवे ने 1.43 मिलियन टन माल का किया लदान

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राकेश कुमार अग्रवाल

झांसी। उ.म.रे ने १.४३ मिल्यन टन माल की लदान कर नया रिकार्ड बनाया है. माल गाड़ियों की औसत गति में वृद्धि करते हुए 40 मील प्रति घंटे से अधिक की गति हासिल की गई है। ये उपलब्धियां उच्च स्तर के परिचालनिक अनुशासन के साथ ही रेल पटरियों, रोलिंग स्टॉक, ओएचई, सिग्नलिंग, लोकोमोटिव आदि जैसी परिसंपत्तियों के त्रूटि रहित अनुरक्षण द्वारा ही प्राप्त की जा सकी है।

रेल मार्ग (परमानेंट वे) का अनुरक्षण संरक्षा युक्त रेल संचालन की रीढ़ होती है और इसी क्रम में लगभग 8147 किलोमीटर रेलपथ का अल्ट्रासोनिक परीक्षण किया गया। इसके द्वारा नग्न आंखों से दिखाई नहीं देने वाले किसी भी सूक्ष्मतम आंतरिक दोष का पता लगाया जा सकता है। इसके अलावा जून, 2020 तक उत्तर मध्य रेलवे में 54 किलोमीटर ट्रैक को नवीनीकृत किया गया। ऑसिलेशन निगरानी प्रणाली का उपयोग करते हुए ट्रैक रिकॉर्डिंग कारों को चला कर 21953 किलोमीटर के लिए किया गया ताकि ट्रैक राइडिंग क्वालिटी का पता लगाया जा सके। इस ट्रैक रिकॉर्डिंग उपकरण द्वारा चिन्हित स्थानों पर अपेक्षित रखरखाव इनपुट दिए गए साथ ही 718 किलोमीटर रेल मार्ग की अत्याधुनिक मशीनों से टैम्पिंग की गई है।

उत्तर मध्य रेलवे में सभी जोनल रेलवे की तुलना में 130 किलोमीटर प्रति घंटे के रेल परिचालन के लिए फिट ट्रैक का उच्चतम नेटवर्क है और यह सामान्य परिचालन के समय में 130 किमी प्रति घंटे या उससे अधिक गति पर 100 से अधिक ट्रेनों का परिचालन करता है। ट्रैक के संरक्षा संबंधी रखरखाव को सुनिश्चित करने के अलावा, उत्तर मध्य रेलवे के रेल पथ इंजीनियरों ने सभी कोविड -19 संबंधित सावधानियों को अनुपालन करते हुए निम्न दीर्घकालिक सुधार कार्यों को पूरा किया गया है।
उत्तर मध्य रेलवे में ई-डास (इलेक्ट्रॉनिक ड्राइंग एप्रूवल सिस्टम) लागू किया गया है। इस ऑनलाइन टूल का उपयोग करके डिवीजनों से ड्रॉइंग और योजनाओं को अब मंजूरी दी जा रही है।

सीआरएस की सभी महत्वपूर्ण टिप्पणियों का समय पर अनुपालन करके, गाजियाबाद-पं. दीन दयाल उपाध्याय खंड की सेक्शनल गति को 130 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाया गया है।

झांसी-मानिकपुर खंड में 04 और बयाना-यमुना पुल और आगरा-पलवल खंड में एक-एक मानवयुक्त रेलवे क्रॉसिंग को जून-2020 में बंद कर दिया गया है। इस वर्ष कुल 07 लेवल क्रॉसिंगों को बंद किया गया है और एक-एक आरओबी और आरयूबी को बनाया गया है।
• आगरा डिवीजन के भांडई, फुलैरा और बाद स्टेशनों और झांसी डिवीजन के बीना- मानिकपुर सेक्शन, ललितपुर और खजुराहो यार्डों में गति और राइडिंग की गुणवत्ता में सुधार के लिए यार्ड लेआउट सुधार के महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा किया गया है।
• ललितपुर-बीना तीसरी लाइन परियोजना में 1.25 लाख मीटर क्यूब से अधिक अर्थ वर्क और 02 छोटे पुलों का निर्माण।
• आगरा मंडल के मथुरा जंक्शन, बाद और निवाड़ी स्टेशनों पर यात्रियों के सुरक्षित बोर्डिंग और डीबोर्डिंग के लिए प्लेटफार्म उच्चीकरण का कार्य किया गया है ।

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