रिपोर्ट- Sandeep kumar fiza
रायबरेली। सेंट्रल बार एसोसिएशन ऑक्सीजन और दवा की किल्लत झेल रहे कोरोना मरीजों का हिमायती बनकर सामने आया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेंद्र बहादुर सिंह भदौरिया और महामंत्री शशिकांत शुक्ला ने साफ कर दिया है कि यदि ऑक्सीजन और दवाओं की कालाबाजारी में कोई पकड़ा जाता है तो उसको छुड़ाने के लिए कोई अधिवक्ता अदालतों में जमानत प्रार्थनापत्र नहीं डालेगा। यदि किसी अधिवक्ता ने ऐसा किया तो उसके खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
सेंट्रल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और महामंत्री की रविवार को अधिवक्ताओं से हुई वर्चुअल मीटिंग में यह निर्णय लिया गया। एसोसिएशन के इस फैसले पर साथी अधिवक्ताओं ने सर्वसम्मति से अपनी मोहर लगाई है।महामंत्री शशिकांत शुक्ला ने कहा कि देखने में आ रहा है कि ऑक्सीजन और जरूरत की दवाएं न मिलने से लोगों की मौतें हो रही हैं या फिर वह गंभीर रूप से बीमार हैं। ऐसे में ऑक्सीजन और दवा की कालाबाजारी और जमाखोरी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
अध्यक्ष और महामंत्री ने कहा कि लखनऊ में नकली दवाओं में कई लोग पकड़े जा चुके हैं। पुलिस की यह कार्रवाई बहुत अच्छी है। इसी तरह जिले में भी आक्सीजन और दवाओं की किल्लत नहीं होनी चाहिए, ताकि आम आदमी राहत महसूस कर सके।
उन्होंने कहा है कि दवा और ऑक्सीजन की कालाबाजारी करने वालों का साथ अधिवक्ता कतई नहीं देगा। ऐसा करने वाले लोग बीमारों की जिंदगी बचाने के लिए सहयोग करें। सेंट्रल बार के इस निर्णय का अधिवक्ता राकेश तिवारी, विजय वाजपैयी, नूर आलम, अलंकार शर्मा, विकास त्रिपाठी, मधुर शर्मा आदि ने स्वागत किया है।