कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन

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शंभू मुखिया सेवा संस्थान डलमऊ के तत्वावधान में शनिवार को ब्लॉक परिसर डलमऊ में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरा आयोजित किया गया।रात नौ बजे से भोर तक चले कार्यक्रम में जहां कवियों एवं शायरों ने अपनी वाणी से समां बांध दिया वहीं श्रोताओं ने जमकर वाहवाही दी। संयोजक राजेन्द्र यादव ने कवियों एवं शायरों का स्वागत करते हुए कहा कि डलमऊ निराला जी और मुल्ला दाऊद की धरती है। कवि सम्मेलन का शुभारंभ कवि रमाकांत द्वारा प्रस्तुत निराला रचित वर दे वीणा वादिनि वर दे से हुआ। पहले शायर के तौर पर शादाब रायबरेली ने अपनी ग़ज़लें एवं नज़्म सुनाई। कवि सुंदर लाल मनमौजी ने पढ़ा -एशिया खंड के ज्योतिपुंज हे!महाबुद्ध तुमको प्रणाम। मन्नान सुल्तानपुरी की रचना किसके किसके आंसू पोंछे किस किस पर ध्यान न दें,सारी दुनिया दे दें मुझको अपना हिन्दुस्तान न दूं। कवि राम नारायण रमण ने अपना शानदार गीत पढ़ा – हम ठहरे गांव के फकीर जहां ताल में न नीर…..। गीतकार जय चक्रवर्ती ने पढ़ा – नुचे पंख लेकर कहां चिड़िया करे अपील,साथ शिकारी के खड़े सत्ता और वकील।एम पी सिंह राठौर ने गीत पढ़ा -प्रीति को हमने संजोया बस तुम्हारे ही लिए। डॉ ओमप्रकाश नूर ने कहा कि -झूठ कितना भी आंख दिखलाये सच खुदकुशी नहीं करता। कवि रमाकांत ने पढ़ा -सफर में हो भंवर में हो वतन का हाल ले लेना….चमन का हाल ले लेना। डॉ ओमप्रकाश नदीम ने कहा कि हर किसी की हां में हां करता नहीं हूं इसलिए मैं आदमी अच्छा नहीं हूं। शमसुद्दीन अजहर ने पढ़ा – इस कदर शोर मचाने की जरूरत क्या है आसमां सर पर उठाने की जरूरत क्या है। डॉ राजीव राज ने पढ़ा – प्रेम गीत बिन कविता का श्रृंगार अधूरा रहता है।चरण सिंह बशर ने कहा कि आग लगाने वाले हरदम याद रखें आग न देखेंगी यह घर किसका है……। समारोह की अध्यक्षता कर रहे नाज़ प्रतापगढ़ी ने अपनी शानदार ग़ज़लों एवं नज़्मों से कवि सम्मेलन एवं मुशायरा को बुलंदियों तक पहुंचा दिया। संयोजक राजेन्द्र यादव, प्रकाश चन्द्र यादव, आनंद, प्रभाकर श्रीवास्तव,के के यादव, संजय मोहन महेश यादव, देवेन्द्र यादव, विकास शर्मा, दिनेश कुमार, राजेश यादव,नीरज कुमार, आदि ने उपस्थित कवियों एवं शायरों का माल्यार्पण कर स्वागत किया। इस अवसर पर कवि समीक्षक वाई वेद प्रकाश, आर्यन यादव, ओमप्रकाश, डॉ कमरुद्दीन, राम निवास, राम शंकर यादव, सौरभ यादव, मनोज यादव,प्रवीर कुमार, धर्मेन्द्र कुमार आदि उपस्थित रहे। कवि सम्मेलन एवं मुशायरा का संचालन शमसुद्दीन अजहर ने किया तथा आभार रमाकांत ने व्यक्त किया।

रिपोर्ट- विमल मौर्य

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