रामनगरी में डीआईजी के रूप में तैनाती हमारा सौभाग्य – अमरेंद्र प्रताप सिंह

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मनोज तिवारी ब्यूरो रिपोर्ट अयोध्या
अयोध्या। नवागत डीआईजी रेंज अमरेंद्र प्रताप सिंह ने सोमवार को कार्यभार ग्रहण कर लिया। इससे पहले वह सोनभद्र के एसपी के रूप में कार्यरत थे। 1998 बैच के पीपीएस और 2008 बैच के आईएएस श्री सिंह के पास बेहतर पुलिसिंग का लंबा अनुभव है जिसको देखते हुए माना जा रहा है कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाने के साथ विकास के नए पथ पर आगे बढ़ रही अयोध्या में पुलिसिग को सुदृढ करने में उनका अनुभव काफी काम आएगा। कार्यभार ग्रहण करने के उपरांत उन्होंने
पत्रकारो से बातचीत करते हुए कहा कि अयोध्या रामलला की सुरक्षा व महिलाओं बेटियों की सुरक्षा उनकी पहली प्राथमिकता होगी। उन्होंने अयोध्या डीआईजी के रूप में मिली पोस्टिंग को अपना सौभाग्य बताते हुये कहा की अयोध्या एक संवेदनशील जगह है ऐसे में पुलिस की भूमिका व जिम्मेदारी भी बढ़ी है। साइबर अपराध के मामलों का निस्तारण तेजी से हो, इसके प्रयास भी होंगे। पुलिस कर्मचारियों के कल्याण के कार्यों को भी आगे बढ़ाया जाएगा। हमारी कोशिश होगी कि आम जनता कानून के पालन में अपना सहयोग करे पुलिस जनता की सेवा में सदैव ततपर रहेगी। इसके पूर्व वह जालौन, कन्नौज और सोनभद्र आदि जनपदों में पुलिस अधीक्षक के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके है। डीआईजी अमरेंद्र प्रताप सिंह को राष्ट्रपति पुलिस पदक एवं विशिष्ट सेवा मेडल भी प्राप्त हो चुका है। पुलिस सेवा में सीओ, एसपी के रूप में वह कार्य कर चुके है। डीआइजी के रुप मे अयोध्या में उनकी पहली नियुक्ति हैं। बिहार के वैशाली जनपद के निवासी डीआईजी अमरेंद्र प्रताप सिंह पुलिस सेवा से पूर्व मिनिस्ट्री ऑफ प्लानिंग व सीआईएसएफ में असिस्टेंट कमाण्डेन्ट के रूप में अपनी सेवा दे चुके है। अपनी स्मृतियों को ताजा करते हुए उन्होंने बताया कि वर्ष 1993 में वह सीआईएसएफ के असिस्टेंट कमाण्डेन्ट के रूप में भगवान श्री रामलला का दर्शन किया था।

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