संयुक्त राष्ट्र संघ को विश्व राष्ट्र संघ बनाने की पहल भारत ही करेगा,
संयुक्त राष्ट्र के पचहत्तरवीं सालगिरह पर सारनाथ से राजघाट तक बनारस की कई संस्थाओं ने किया पैदल शांति मार्च,
वाराणसी: बनारस के तमाम नागरिक समाज के एक साथ मिल कर प्लेनेटरी पीस और वर्ल्ड नेचुरल डेमोक्रेसी (डब्ल्यूएनडी) के द्वारा संयुक्त राष्ट्र की पचहत्तरवीं जयन्ती के उपलक्ष्य में बुद्ध के उपदेश स्थलीय सारनाथ स्थित म्युज़ियम से राजघाट सर्व सेवा संघ तक पैदल शांति सद्भावना मार्च “यूएन75 पीस मार्च फ़ॉर प्लानेट अर्थ” का शानदार आयोजन किया। वक्ताओं ने कहा कि महात्मा बुद्ध से महात्मा गाँधी तक के इस पैदल मार्च का उद्देश्य दुनिया को यह सन्देश देना था कि “जिओ शान्ति के लिये, शान्त बनो जीने के लिये।” साथ ही इसका उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र को महत्त्व देना, यूएन के होने और वर्तमान एवं भविष्य में इसकी ज़रूरत के बारे में लोगों को जागरूक करना था। इस वैश्विक और ऐतिहासिक दिवस पर निदेशक जावैद अब्दुल्लाह ने कहा कि 2045 तक विकसित विश्व और एक सुरक्षित व समृद्ध धरती बनाने के लिये संयुक्त राष्ट्र संघ को विश्व राष्ट्र संघ बनाने की ज़रुरत है, इसकी पहली पहल भारत ही करेगा। मार्च के दौरान पर्चे बांटे गये और लोगों से शान्ति संवाद किया गया। मार्च का समापन राजघाट स्थित सर्व सेवा संघ परिसर में महात्मा गांधी प्रतिमा के समक्ष सभा एवं संयुक्त राष्ट्र एंथम को सलामी देकर किया गया। सबने विश्व सरकार निर्माण हेतु सार्वभौमिक प्रस्तावना की घोषणा की। स्थानीय लोगों ने इस पदयात्रा सराहना व प्रशंसा की। कार्यक्रम की संयोजक किशोर न्यायालय बोर्ड की सदस्या जागृति राही एवं सर्व सेवा संघ (अखिल भारत सर्वोदय मंडल), सहोदय ट्रस्ट, विजन संस्था, प्रेरणा कला मंच, साझा संस्कृति मंच, आशा फ़ॉर एडुकेशन एवं रिदम मंच जैसी मानवाधिकार की संस्थाएं सहयोगी रहीं। केन्द्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान, सारनाथ के आधुनिक विद्या विभाग से प्राध्यापक एवं यूएन विशेषज्ञ डॉ० अमित मिश्र ने नई पीढ़ी को समन्वयात्मक विकास, पर्यावरण और ग्रहीय चेतना जागृत करने को कहा। डॉ० अनूप श्रमिक ने मानवाधिकारों के चार्टर पर भारत की वर्तमान दशा पर बात रखी, वल्लभाचार्य ने युवा यात्री व बच्चो के बीच शिक्षा की बात की फल वितरण किया, प्रेरणा कला मंच की टीम ने गीत प्रस्तुत किये, यात्रा में धर्मेन्द्र शर्मा, गोपाल पाण्डेय, विनोद कुशवाहा, सच्चिदानंद ब्रह्मचारी, सुहानी, संस्कृति, शिवानी, मौसमी ,नेहा, मुकेश झंझरवाला आदि लोग शामिल रहे। शान्ति मार्च के बाद सभा मे प्रमुख सहयोगी रहे विकास कुमार चौबे, विशाल एवं सामाजिक कार्यकर्त्ता धनंजय त्रिपाठी, मुकेश उपाध्याय एवम् दिवाकर ने बच्चो के अधिकारों और गांधी और विश्व शांति की बात की। यात्रा व सभा का संचालन जागृति राही ने किया।
रिपोर्ट राजकुमार गुप्ता
वाराणसी