किसानों के विरोध के बीच लोकसभा में पास हुए कृषि से जुड़े बिल, प्रधानमंत्री ने दिया भरोसा- MSP और सरकारी खरीद की व्यवस्था बनी रहेगी

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रिपोर्ट – दुर्गेश सिंह

देशभर में जारी किसानों के विरोध प्रदर्शन के बीच लोकसभा में कृषि से जुड़े तीनों बिल पास हो गये। अब ये बिल राज्यसभा में जायेंगे। लोकसभा में इस बिल का कांग्रेस, लेफ्ट और डीएमके ने तो विरोध किया ही, भाजपा की सहयोगी पार्टी अकाली दल ने भी विरोध किया। वहीं बिल पास होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को भरोसा दिया कि MSP और सरकारी खरीद की व्यवस्था बनी रहेगी। केंद्र सरकार ने संसद के मौजूदा मानसून सत्र के पहले ही दिन किसानों से संबंधित कृषिक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा प्रदान करना) विधेयक 2020, कृषि (सशक्तिकरण और और संरक्षण) मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020 पेश किया था जो गुरुवार को लोकसभा में पास हो गया। हालांकि बिल का विपक्षी पार्टियों ने विरोध किया और वोटिंब से पहले वॉकआडट कर लिया। गुरुवार को लोकसभा में कृषक उपज व्‍यापार और वाणिज्‍य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020 और कृषक (सशक्‍तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 लोक सभा से पारित हुआ, जबकि एक आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक पहले ही लोकसभा में पारित हो चुका है।
इस मौके पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, “अब किसान अपनी मर्जी का मालिक होगा। किसान को उत्पाद सीधे बेचने की आजादी मिलेगी और एमएसपी जारी रहेगी। टैक्स न लगने से किसान को ज्यादा दाम और लोगों को भी कम कीमत पर वस्तुएं मिलेंगी। कृषि में निजी निवेश बढ़ेगा और देश की अर्थव्यस्था मजबूत होगी।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन विधेयकों को ऐतिहासिक बताया और ट्वीट कर कहा, “लोकसभा में ऐतिहासिक कृषि सुधार विधेयकों का पारित होना देश के किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। ये विधेयक सही मायने में किसानों को बिचौलियों और तमाम अवरोधों से मुक्त करेंगे।

किसानों को भ्रमित करने में बहुत सारी शक्तियां लगी हुई हैं। मैं अपने किसान भाइयों और बहनों को आश्वस्त करता हूं कि MSP और सरकारी खरीद की व्यवस्था बनी रहेगी। ये विधेयक वास्तव में किसानों को कई और विकल्प प्रदान कर उन्हें सही मायने में सशक्त करने वाले हैं।”

“इस कृषि सुधार से किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए नए-नए अवसर मिलेंगे, जिससे उनका मुनाफा बढ़ेगा। इससे हमारे कृषि क्षेत्र को जहां आधुनिक टेक्नोलॉजी का लाभ मिलेगा, वहीं अन्नदाता सशक्त होंगे।” प्रधानमंत्री अपने ट्वीट में कहते हैं।

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ट्वीट करके कहा है कि यह किसानों को बांधने वाला विधेयक नहीं बल्कि किसानों को स्वतंत्रता देने वाला विधेयक है. इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य दिलाना सुनिश्चित होगा और उन्हें निजी निवेश एवं प्रौद्योगिकी भी सुलभ हो सकेगी।

“किसान को उधारी का शिकार भी नहीं होना पड़ेगा, क्योंकि विधेयक में स्पष्ट प्रावधान किया गया है कि उन्हें कृषि उत्पादों की बिक्री के अधिकतम 3 दिनों के भीतर भुगतान मिलेगा। किसान अपनी पसंद से, अपनी मनचाही जगह पर, खुले बाजार में देश में कहीं भी कृषि उत्पाद बेच सकेंगे, जिससे उन्हें सही मूल्य मिलेगा और उनकी आय बढ़ेगी।” वे आगे कहते हैं।

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