कुलपहाड़ में एनएच की सड़क तीन साल बाद भी नहीं हो सकी पूरी

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राजस्व विभाग और चकबंदी के नक्शों ने मामला उलझाया

कुलपहाड़, महोबा। झांसी – मिर्जापुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुलपहाड़ नगर में सडक चौडीकरण का काम तीन साल बाद भी अधूरा पडा है। सडक निर्माण न होने से दिन भर सडक पर धूल उडती है। मुआवजा का मामला अधर में लटक गया है। विवाद के चलते सडक के दोनों ओर मकान व दुकानों का काम भी तीन सालों से लटका पडा है। दूसरी ओर जिम्मेदार सडक निर्माण पर चुप्पी साधे हुए हैं।

झांसी – मिर्जापुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बसे कुलपहाड़ नगर का मुख्य बस स्टेंड का सडक निर्माण तीन साल बाद भी पूरा नहीं हो सका है। बस स्टेंड से लेकर गंगा बेडिया तक का 110 मीटर का टुकडा तीन साल बाद भी अधर में लटका है। जिससे स्थानीय नगरवासी से लेकर हाइवे से गुजरने वाले सभी वाहन धारकों को समस्या का सामना करना पड रहा है।

एनएच की सडक निर्माण में कुलपहाड नगर में बस स्टेंड पर मध्य में डिवाइडर के दोनों ओर 12- 12 मीटर चौडी सडक का निर्माण प्रस्तावित था। बस स्टेंड के दोनों ओर दुकानें एवम लोगों के घर हैं। राजस्व विभाग के 1905 के नक्शे के अनुसार बस स्टेंड से गंगा बेडिया तक लोक निर्माण विभाग की सडक के दोनों ओर 6-6 मीटर सडक है। जिसको आधार बनाकर स्थानीय निवासियों ने जमीन के बदले मुआवजे की मांग कर दी। 

राजस्व विभाग ने 1979 का नया नक्शा पेश कर लोक निर्माण विभाग की दोनों ओर 10-10 मीटर सडक होना दर्शाया। तब से तीन साल बीत चुके हैं न मुआवजे को लेकर न ही सडक निर्माण को लेकर विवाद का निपटारा हो सका है। जिसके चलते नगर का विकास भी बुरी तरह बाधित हो रहा है।

हम सड़क निर्माण के लिए तैयार – एईएन

एन एच के सहायक अभियंता एस आर द्विवेदी के अनुसार हम सडक निर्माण के लिए तैयार हैं। दरअसल मामला अलग अलग स्तर पर जांच में उलझा हुआ है। स्थानीय निवासी की शिकायत के आधार पर एडीएम स्तर से जांच हो रही है। निपटारा होते ही हम निर्माण शुरु करा देंगे।

चकबंदी व एनएच ने मिलकर धोखा किया – दिलीप यादव

मुआवजे की लडाई लड रहे सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप यादव के मुताबिक एनएच निर्माण में स्थानीय निवासियों के साथ अन्याय किया गया है। गलत नक्शा पेश कर मुआवजे से वंचित किया जा रहा है। हमारी यह लडाई जारी रहेगी।

  • राकेश कुमार अग्रवाल
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