रायबरेली। प्राइवेट खाद विक्रेता अधिकारियों की नाक के नीचे डीएपी खाद की कालाबाजारी कर रहे है। प्राइवेट दुकानदारों द्वारा डीएपी खाद निर्धारित मूल्य से अधिक दरों पर बेचकर किसानों का शोषण कर रहे हैं। यही नहीं कुछ प्राइवेट दुकानदारों ने तो डीएपी के साथ गेहूं बीज लेना भी अनिवार्य कर दिया है। जिससे किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है।
क्षेत्र का किसान मरता क्या न करता वाली स्थिति में होने के चलते खाद के साथ बीज लेने के लिए मजबूर है। भले ही उसका शोषण क्यों ना हो रहा हो?
इन प्राइवेट दुकानदारों को अधिकारियों का भी खौफ नहीं है ना ही किसी विभागीय जिम्मेदार अधिकारी का डर। हलोर कस्बे में एक खाद व्यवसाई ने तो यहां तक कहा जब ऊपर से नीचे तक कमीशन का खेल चल रहा है तो डीएपी 15-16 सौ रुपए तक डीएपी बेचना हमारी मजबूरी बन गई है।
क्षेत्रीय किसानों को शासन द्वारा निर्धारित मूल्य पर खाद एवं बीज उपलब्ध कराने के लिए साधन सहकारी समितियां तो खोली गई, लेकिन खाद एवं बीज की अनुपलब्धता ने प्राइवेट दुकानदारों की पौ-बारह कर दी है।
यही नहीं किसानों के लिए नवीन हरियाली कृषि केंद्र खोले गए। लेकिन यहां तो एक बोरी डीएपी के साथ 40 किलो गेहूं का बीज देकर खुले आम किसानों का शोषण किया जा रहा है।
किसानों ने बताया एक बोरी गेहूं का बीज एवं डीएपी खाद मिलाकर ₹29 सौ लिये जा रहे हैं।नवीन हरियाली केंद्र पर किसान जिम्मेदारों की लापरवाही से लूट रहा है। यहां किसानों को बिना गेहूं का बीज दिए डीएपी खाद नहीं दी जा रही है।
क्षेत्रीय किसानों राजाराम,रामराज उदय, अशोक कुमार आदि ने बताया कि ₹1350 के स्थान पर एनपीके ₹14 00 में धड़ल्ले से बेची जा रही है। डीएपी खाद के साथ गेहूं का बीज लगाकर ही डीएपी खाद देकर किसानों की जेब ढीली की जा रही है।
नवीन हरियाली पर तैनात कर्मचारी ने बताया कि हमारे मालिक का आदेश है बिना गेहूं बीज के डीएपी किसी किसान को नहीं दी जाएगी। उर्वरक लेने आए किसानों ने कहा कि यहां किसानों के हितों के लिए खोली गई नवीन हरियाली किसानों की लूट का जरिया बनी हुई है।
किसानो ने बताया कि पिछले वर्ष इसी नवीन हरियाली से गेहूं का बीज लिया था, लेकिन वह घटिया किस्म का था, उपज बहुत ही खराब हुई।
यही नहीं समितियों पर उर्वरक की अनुपलब्धता का फायदा क्षेत्र के हलोर , मऊ, हरदोई, थुलवासा, गांव के अन्य प्राइवेट खाद दुकानदारों द्वारा ₹1500 से लेकर ₹1600 तक की दर पर डीएपी खाद की अधिकारियों के नाक के नीचे कालाबाजारी की जा रही है।
किसानों ने जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव से हलोर गांव स्थित नवीन हरियाली कृषि केंद्र के साथ ही क्षेत्र के सभी प्राइवेट खाद दुकानदारों की जांच कराए जाने की मांग की है ताकि डीएपी के नाम पर किसानों का शोषण न हो सके।
उधर एसडीएम धीरज श्रीवास्तव ने बताया अगर नवीन हरियाली कृषि केंद्र हलोर सहित प्राइवेट खाद दुकानदारों द्वारा ऊंचे दामों पर डीएपी खाद वितरित की जा रही है तो वह जांच कर संबंधित दुकानदार के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने बताया डीएपी खाद की बिक्री के साथ गेहूं का बीज किसी भी खाद व्यवसाई द्वारा अनिवार्य नहीं किया जाएगा।
रिपोर्ट- अशोक यादव एडवोकेट