महराजगंज रायबरेली
हत्या की एक गुत्थी सुलझाने मे बाईस दिन लगाने वाली कोतवाली पुलिस क़ो रविवार की रात से गायब सर्राफा व्यापारी का खून से लतपथ शव मंगलवार क़ी शाम झाड़ियों मे पड़ा मिला। शव मिलने की सूचना पर मौके पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचनामा करा पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इस दौरान कप्तान श्लोक कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक विश्वजीत श्रीवास्तव, सीओ रामकिशोर सिंह ने घटनास्थल पर जाकर मौका मुआयना किया।
बताते चलें कि कोतवाली क्षेत्र के याकूब गंज मजरे सोथी निवासी रामनरेश यादव (50) पुत्र स्व राम दुलारे रविवार की रात लगभग 9 बजे पैतृक घर से खाना खाकर महराजगंज कस्बे के प्रकाश नगर स्थित अपने दूसरे घर पर सोने के लिए निकले। लेकिन सुबह तक महराजगंज न पहुंचने पर परिजनों द्वारा रामनरेश की खोज बीन शुरू क़ी गयी। इस दौरान परिजनों द्वारा कई बार रामनरेश के मोबाइल नंबर पर काल किया गया किन्तु घंटी जाने के बावजूद फोन रिसीव ना हुआ। अनहोनी क़ी आशंका पर सोमवार की दोपहर रामनरेश के बड़े लड़के मुकेश यादव ने कोतवाली पुलिस को गुमशुदगी की तहरीर दी। जिस पर कोतवाली पुलिस ने शाम क़ो गुमशुदगी दर्ज कर मामले से पल्ला झाड़ लिया। मंगलवार क़ी शाम क़ो गढ़ी मजरे अतरेहटा गांव के स्थित कब्रिस्तान के पास ग्रामीणों को झाड़ियों में औंधे मुंह पड़ा एक शव दिखाई पड़ा जिसकी सूचना ग्रामीणों ने कोतवाली पुलिस को दी। शव मिलने की सूचना पर कोतवाल जितेन्द्र प्रताप सिंह व क्षेत्राधिकारी रामकिशोर सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच शव को कब्जे में लिया। मृतक के चेहरे व आसपास वजनदार हथियार से चोट के कई निशान तथा चेहरा खून से लथपथ मिला। शव की पहचान सर्राफा व्यापारी राम नरेश यादव के रुप में होने पर क्षेत्र मे हड़कम्प मच गया। कोतवाली पुलिस ने शव का पंचनामा करा पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया । सर्राफा व्यापारी के शव मिलने की सूचना पर कप्तान श्लोक कुमार एवं अपर पुलिस अधीक्षक विश्वजीत श्रीवास्तव ने भी घटनास्थल का मुआयना कर जल्द ही खुलासे की बात कही है।
पापा के फोन मे लगातार घंटी जा रही, फोन क़ो ट्रेस पर लगा कर पता लगाने क़ी गुहार के बावजूद सूचनादाता पुत्र क़ी तहरीर क़ो हल्के मे लेकर जिम्मेदारों ने गुमशुदगी का मुकदमा लिख प्रकरण से इतिश्री कर ली। इस दौरान सोमवार क़ी देर शाम मृतक पिता क़ी बाइक कस्बे क़ी एक दुकान के पास लावारिस खड़ी होने क़ी पुत्र द्वारा सूचना देने के बावजूद कोतवाली के आला हाकिम द्वारा आस पड़ोस के सीसीटीवी फुटेज क़ी जांच पड़ताल कराए बिना पीड़ित पुत्र से ही मोटरसाइकिल थाने खड़ी कराने का जिम्मा सौंप मामले क़ो हल्के मे लिया गया जिसका नतीजा मंगलवार क़ो सराफा व्यवसाई के खून से लतपथ शव रुप मे सामने देखने क़ो मिला।
चाहे मदन खेड़ा मजरे पोखरनी गांव मे हुई पुजारी क़ी हत्या के खुलासे मे 22 दिन लगाना हो या पहाड़पुर जहरीली शराब से हुई 12 लोगो क़ी मौत के गुनहगार नवीन जायसवाल क़ो ना पकड़ पाना। जिले मे फेल पुलिसिंग क़ी नुमाइंदगी बनी कोतवाली पुलिस के सामने हत्या क़ी गुत्थी बिना एसओजी के सुलझा पाना मुश्किल नजर आ रहा।
एडवोकेट अशोक यादव रिपोर्ट