चित्रकूट रेलवे स्टेशन के हनुमान मंदिर को हटाने के विरोध में उतरे हिंदू संगठन

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  • हिन्दू संगठनों ने मंदिर के बाहर किया हनुमान चालीसा का पाठ

  • मंदिर की सुरक्षा के लिए कानून हटाने की मांग

चित्रकूट। हिन्दुओं की आस्था से जुड़े रेलवे स्टेशन परिसर में बने प्राचीन हनुमान मंदिर को सर्वोच्च न्यायालय व हाईकोर्ट के‌‌ आदेश पर हटाने को लेकर धर्मनगरी के संत व हिन्दू संगठनों ने नाराजगी जाहिर की। इस दौरान मंगलवार को सभी ने मंदिर के बाहर एक घंटे तक हनुमान चालीसा का पाठ कर प्राचीन हनुमान मंदिर पर अपनी आस्था जाहिर की।

बता दें कि मंदिर गेट में बीते माह 24 जनवरी को उत्तर मध्य रेलवे कार्यालय सहायक मंडल इंजीनियर बांदा द्वारा नोटिस चस्पा कर दिया गया था। इसमें माननीय सर्वोच्च न्यायालय व उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश पर चित्रकूट धाम कर्वी स्टेशन में सर्कुलेटिंग एरिया में बने धार्मिक ढांचा को हटवाने का आदेश है।

जिसमें आदेश दिया गया है कि चित्रकूट धाम कर्वी रेलवे स्टेशन एरिया के 109 वर्ग मीटर के अंदर बने ढांचे को स्वत:15 दिन में हटाने की व्यवस्था करें। नहीं रेल प्रशासन द्वारा हटा दिया जाएगा।

24 जनवरी को नोटिस चस्पा होने के बाद से अब मात्र 2 दिन ही शेष बचे हैं ऐसे में लोगों में रेलवे द्वारा मंदिर गिराए जाने को लेकर गुस्सा है। मंहत दिव्य जीवनदास महराज ने कहा कि यह रेलवे परिसर में बना प्राचीन मंदिर है। यहां पर चित्रकूट आने जाने वाले लाखों श्रद्धालु सकुशल यात्रा के लिए प्रार्थना भी करते हैं।

जन जन में श्री हनुमान जी महराज बसने वाले हैं ऐसे मंदिर को तोड़ा जाना अनुचित होगा। इसी को लेकर आज हनुमान चालीसा पाठ किया गया है। हिन्दू जागरण मंच जिलाध्यक्ष मुन्ना शास्त्री ने कहा कि यह मंदिर हमारे आस्था का केंद्र है। इसको बचाने के लिए हम केन्द्र सरकार से मांग करते हैं कि इसको न‌ तोड़ा जाए और इसकी सुरक्षा के लिए कानून हटाया जाए।

उन्होंने आरोप लगाया कि तमाम जगहों पर मजारें भी बनी है उनको भी तोड़ा जाए। हम सभी मंदिरों की सुरक्षा के लिए लड़ाई लड़ेगे। अब ऐसे में रेलवे प्रशासन आगे क्या कार्रवाई करता है अब यह तो आने वाले दिनों में पता चलेगा।

  • पुष्पराज कश्यप
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