अर्जुनपुर ग्राम पंचायत में रोजगार सहायक ने लिखी भ्रस्टाचार की इबारत, ग्रामीणों ने लगाए गम्भीर आरोप
सतना – देश और प्रदेशों की सरकारों द्वारा एक तरफ ग्राम पंचायतों को साफ स्वच्छ बनाने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे है। तो वहीं दूसरी तरफ सरकार के ही निचले स्तर के जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी निहित राशि को हड़प कर अपना – अपना घर भर रहे है।
सतना जिले के अन्तर्गत आने वाली मझगवां जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत अर्जुनपुर में ग्रामीणों ने ग्राम रोजगार सहायक राजेश कुमार यादव पर शौचालय निर्माण में हेराफेरी सहित कई गंभीर आरोप लगाए है। ग्रामीणों के अनुसार रोजगार सहायक राजेश कुमार यादव ने शौचालय निर्माण, पीएम आवास निर्माण में काफी गोलमाल किया है। मीडिया को जानकारी देते हुए ग्रामीणों ने बताया कि रामफल यादव को ग्राम पंचायत अर्जुनपुर से पीएम आवास का लाभ देकर 1 लाख 20 हजार रुपये की पूरी राशि निकाली जा चुकी है। जबकि रामफल यादव का ग्राम पंचायत अर्जुनपुर में कोई आवास ही नही बना है। गौरतलब है कि जब मकान बना ही नही तो राशि का आहरण कैसे हो गया। इसी तरह शौचालय निर्माण, पीसीसी सड़क निर्माण एवं पंचायत में किये गए तमाम निर्माण कार्यो में जमकर भ्रस्टाचार किया गया है। इसकी शिकायत भी जनपद सीईओ , जिला पंचायत सीईओ के साथ ही सीएम हेल्पलाईन में भी दर्ज कराई गई है। लेकिन जिम्मेवार आंखों में पट्टी और कानों में तेल डालकर बैठे हुए है। गांव के ही तीरथ प्रसाद मिश्र ने ग्राम रोजगार सहायक के ऊपर दस हजार रुपए की घूस मांगने का आरोप लगाया है। और घूंस की रकम न दिए जाने पर रोजगार सहायक के द्वारा तीरथ प्रसाद मिश्र को आवास योजना का लाभ नहीं दिया गया।
दुर्भाग्य से मझ़गंवा जनपद पंचायत की ज्यादातर ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार की गंगा निर्बाध रूप से बह रही है।जनपद पंचायत की ज्यादातर ग्राम पंचायतों जैसे कि कैलाशपुर,पिंडरा,मलगौसा अर्जुनपुर आदि में स्थानीय कर्मचारियों के साथ ही ग्राम सरपंचों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा को पार कर चुका है। पिंडरा और मलगौसा ग्राम पंचायतों में बिना सरपंचों की सहमति से सचिव और जीआरएस भ्रष्टाचार पर भ्रष्टाचार किए जा रहे हैं। ग्राम पंचायतों में किए जा चुके और लिए जा रहे भ्रष्टाचारों की हजारों शिकायते जनपद सी आे और जिला पंचायत सी आे के यहां की जा चुकी हैं। बावजूद आज तक किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई। ऐसे में यह क्यों न माना जाए कि भ्रष्टाचार की सरपरस्ती जनपद और जिला पंचायत सीईओ नहीं कर रहे हैं।