जागरूक करने के नाम पर कोरोना को दावत दे रहे व्यापारी

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आखिर इनके मन में क्यों नहीं है कोविड-19 का खौफ, क्या पैसे इतने भी जरूरी हैं?

रायबरेली – भारत मे महामारी कोविड 19 कोरोना का पीक टाइम चल रहा है, देश मे प्रतिदिन लगभग पचास हजार पाजिटिव मरीज मिल रहे हैं, कुल मरीजों की संख्या पंद्रह लाख के आंकड़े के पास पहुंच गई है, देश बेहाल है, मगर रायबरेली जिले में कुछ व्यापारी नेता कन्टेन्टमेंट जोन में भी दुकान खोलने के लिए अनुमति मांग रहे हैं, शायद उनको चंद पैसों की लालच में इस कदर बेताब किया है कि अब उनको अन्य किसी की जान की कोई परवाह नहीं है।

कन्टेनमेंट जोन में चाहिए दुकान खोलने की अनुमति

रायबरेली में कोरोना के से बेखौफ ऑल इंडिया उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के पदाधिकारियों द्वारा आज कंटेनमेंट जोन घंटाघर व सब्जी मंडी रोड के बाटा के बगल में एकत्रित होकर मांग की गई और कहा गया कि इस कंटेनमेंट जोन को समाप्त किया जाए और संक्रमित क्षेत्र को नई गाइडलाइन के अनुपालन में 100 मीटर तक की कंटेनमेंट जोन बनाया जाए, इससे किराना मार्केट,विशंभर मार्केट,श्याम रानी मार्केट, सब्जी मंडी रोड की दुकानों को कंटेनमेंट जोन से मुक्त किया जाए।

प्रशासन हो संवेदनशील

व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने कहा कि व्यापारी आज भुखमरी की कगार पर पहुंच चुका है,प्रशासन को संवेदनशील होकर तुरंत आवश्यक कदम उठाने चाहिए, उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के जिलाध्यक्ष सरदार बसंत सिंह बग्गा व मुकेश रस्तोगी,संरक्षक गुरबख्श सिंह बग्गा व अन्य उपस्थित व्यापारी नेताओं ने प्रशासन से त्योहारों के मद्देनजर कल से दुकानें खुलवाने की मांग की, बड़ा सवाल यह है कि आखिर यह कैसे व्यापारी नेता है जो अपने ही लोगों की बलि चढ़ाने पर आमादा हैं, और यह लोगों को किस तरह से जागरूक कर रहे हैं इसका अंदाजा इनके कदमों की दूरी से लगाया जा सकता है एक साथ कंधे से कंधा जोड़कर और कदम को मिलाकर खड़े हैं,अब देखना है कि प्रशासन जनता की जान बचाने को प्राथमिकता देता है या फिर व्यापरियों की इस बेबुनियादी व लालची मांग को!

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