जिले के बेसिक शिक्षा विभाग की भ्रष्टाचारी नीति का रिपोर्ट कार्ड ने किया खुलासा

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जिम्मेदारों की भ्रष्टाचारी नीति के चलते रिपोर्ट कार्डों में दर्जनों खामियां आई सामने

रायबरेली-
जिले के बेसिक शिक्षा विभाग में किस तरह से भ्रष्टाचार व्याप्त है इसका एक वाक्या सामने आया है जो चौकाने वाला है रिपोर्ट कार्ड में किस तरह से भ्रष्टाचार किया गया है उसका मामला उजागर है। जहां जिले में कक्षा 1 से लेकर 8 तक के बच्चों कि परीक्षा समाप्त हो चुकी है वही अब उन्हें रिजल्ट जारी करने की तिथि 31 मार्च तय हो गई है।जिले के बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों को वितरित किए जाने वाले रिजल्ट में 1 दर्जन से अधिक खामियां पाई गई हैं जो शासन के जारी निर्देश के विपरीत हैं।

किस तरह से जिले के बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी नियमों और मानकों की धज्जियां उड़ाते हैं।
आप इस रिपोर्ट कार्ड में देख सकते हैं दरसअल बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों के लिए जो रिपोर्ट कार्ड जारी किया गया कि।
उसमें एक नहीं दो नहीं बल्कि 1 दर्जन से अधिक गलतियां सामने आई है।

जो भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती हैं बेसिक शिक्षा के आला अधिकारी समेत खंड शिक्षा अधिकारी की मिलीभगत का मामला उजागर हुआ है शिक्षा विभाग ने जो रिपोर्ट कार्ड जारी किया है उसकी हकीकत कुछ इस प्रकार से हैँ।

  1. शासन द्वारा जो मानक रिपोर्ट कार्ड बनाने के लिए दिया गया है उस मानक के अनुरूप रिपोर्ट कार्ड जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा तैयार कराया गया है रिपोर्ट कार्ड का मानक मुद्रण हेतु प्रयुक्त कागज का आकार 30 सेंटीमीटर ×21 सेंटीमीटर हो जो कि मोड़ने पर उसकी चौड़ाई 15 सेंटीमीटर ×21 सेंटीमीटर होनी चाहिए, जो नहीं है।
  2. यही नहीं कागज की मोटाई की बात की जाए तो मुद्रण में कागज का न्यूनतम मोटाई 300 GSM के स्थान पर करीब 100 GSM ही है।
  3. रिपोर्ट कार्ड में अगर प्रिंटिंग की बात की जाए तो कई जगहों पर मिस प्रिंट भी किया गया है। जब शिक्षा विभाग ऐसी गलतियां करेगा तो बच्चों का भविष्य किस तरह से सवंर पाएगा।
  4. यही नहीं शासन द्वारा एक बच्चे के टेबुलेशन शीट और रिपोर्ट कार्ड पर ₹5 की कीमत आंकी गई है लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग की भ्रष्टाचारी नीति और जल्दबाजी के चक्कर में 2021-22 के रिपोर्ट कार्ड में 2023 का रिपोर्ट कार्ड छपवा कर स्कूलों में भिजवा दिया गया। यही नहीं रिपोर्ट कार्ड पर जो मुद्रण किया गया है वह भी मानक विहीन है।

अनुज मौर्य रिपोर्ट

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