जीव जब भगवान का आश्रय लेता है तो सारे बंधन खुल जाते हैं : रामकृष्णाचार्य रामानुज दास

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प्रतापगढ़। हैंसी परजी में राम निहोर श्रीवास्तव एंव गायत्री देवी के घर अमृत वर्षा हो रही है। कथा व्यास परम पूज्य वेदांत मार्तंड पाराशर जी के शिष्य कथा व्यास रामकृष्णाचार्य रामानुज दास ने आज भगवान के अवतरण की कथा श्रवण कराते हुए कहा कि भादो मास की अष्टमी तिथि रोहिणी नक्षत्र भगवान श्रीमन्नारायण योग माया के हाथों में ब्रज की पूरी कमान दे दिया।

कमलनयन चतुर्भुज नारायण भगवान बालक का रूप लेकर वसुदेव देवकी के समक्ष प्रकट हुए। भगवान ने अपने हाथों में शंख चक्र गदा और पद्म धारण किया था। जीव जब भगवान का आश्रय लेता है तो उसके सारे बंधन खुल जाते हैं।

कार्यक्रम में धर्माचार्य ओम प्रकाश पांडे अनिरुद्ध रामानुज दास ने व्यासपीठ को सम्मानित करने के पश्चात कहा कि यह पांडवों की तपोस्थली है। यहीं पर पांडव माता कुंती के साथ रहते थे और भगवान श्री कृष्ण उनसे मिलने के लिए आया करते थे। यह अवध क्षेत्र है यहीं पर प्रभु श्री राम के पूर्वज राजा मांधाता ने मांधाता नगरी बसाया था।

परम वैष्णव के श्री मुख से कथा श्रवण करनी चाहिए। परम सौभाग्य है कि आप सब कार्तिक मास में कथा को श्रवण करना प्रारंभ किए।

इस अवसर पर भक्त झूम झूम कर नृत्य कर रहे थे। कार्यक्रम में मुख्य रूप से माता बक्स मिश्रा उर्फ कुल्लुर महराज ठाकुर कुंदन सिंह बाबू बबन सिंह चाचा सुभाष पांडे आचार्य पवन पांडे आचार्य श्याम क्रिसमिस आचार्य बाल योगी सुधांशु मिश्रा हरिहरशरण दुबे चंदन कुमार आशीष जी मुकेश कुमार निर्मल नितिन श्रीवास्तव गंगाराम पांडे अभिषेक मिश्रा दीपू तिवारी सोनू दुबे सहित अनेक भक्त गांव एवं भारी संख्या में महिला पुरुष कथा का रसपान किए।

रिपोर्ट- अवनीश कुमार मिश्रा

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