नहीं दिखा सका मेडिकल प्रेक्टिस का कोई प्रमाण पत्र
बीएएमएस की फर्जी डिग्री बनी झोलाछाप डाक्टरों का हथियार
अयोध्या-लापरवाही से बच्चे का इलाज करने के मामले मे गैर इरादतन हत्या के मामले मे फंसे खण्डासा थानाक्षेत्र के झोलाछाप डाक्टर विजय प्रताप की परेशानियां और बढ़ गई हैं।वेअब एक और मामले में फंस गए हैं। उनके खिलाफ स्वास्थ्य विभाग की ओर से विभिन्न धाराओं मे मुकदमा दर्ज कराया गया है। उनको अब दो दो आपराधिक मामला झेलना पड़ेगा।
लापरवाही से किए गए ईलाज से खण्डासा थाने के भखौली गांव के मजरे काली पासी का पुरवा गांव निवासी छह वर्षीय हिमांशु की मौत हो गई थी। इस प्रकरण मे परिजनों की ओर से पहले ही एफआईआर दर्ज कराई गई है। इसके बाद सीएमओ डा संजय जैन के निर्देश पर जब खण्डासा सीएचसी अधीक्षक डा आकाश मोहन ने विजय सिंह के क्लीनिक पर छापा डाला तो वह मेडिकल सम्बन्धी कोई भी अभिलेख नहीं दिखा सका। सीएचसी अधीक्षक ने सीएमओ के निर्देश पर विजय सिंह को क्लीनिक बन्द करने व मेडिकल प्रेक्टिस न करने की हिदायत दी है। उसके खिलाफ खण्डासा थाने मे सीएचसी अधीक्षक की ओर से मेडिकल कौंसिल की विभिन्न धाराओं मे मुकदमा पंजीकृत करा दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से की जा रही इन कार्रवाईयों से झोलाछाप डाक्टर चौक हो गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से शासन के निर्देश पर झोलाछाप डाक्टरों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। लगभग 300 झोलाछाप डाक्टर चिन्हित भी किए जा चुके हैं। किन्तु गांव गांव व चौराहों पर एलोपैथी से प्रेक्टिस कर रह अधिकांश झोलाछाप डाक्टर अपना हथियार बीएमएस की डिग्री बता देते हैं। वैसे /बीएएमएस चिकित्सक को एलोपैथी से इलाज करने की इजाजत मेडिकल कौंसिल ने नहीं दी है। फिर भी बीएमएस की डिग्री झोलाछाप छाप डाक्टरों के लिए बड़ा हथियार बना है। गौर तलब बात यह है कि जिले मे बीएएमएस की डिग्री दिखा कर प्रेक्टिस कर रहे अधिकांश चिकित्सकों की डिग्री फर्जी है जो रुपए देकर खरीदी गई हैं किन्तु उन फर्जी डिग्रियों का कभी सत्यापन नहीं कराया गया है। इस सम्बन्ध मे क्षेत्रीय आयुर्वेद एवं यूनानी अधिकारी डा महेन्द्र सिंह विष्णु ने बताया कि जिले मे बीएएमएस की डिग्री दिखाकर प्रेक्टिस करने वाले चिकित्सक को पंजीकरण कराना होता है। वे ही लोग रजिस्ट्रेशन नहीं कराते जिनकी डिग्री फर्जी है। ऐसी कोई सूचना मिलने पर कार्रवाई की जाती है।
मनोज तिवारी रिपोर्ट