महराजगंज रायबरेली।
फरियादियों क़ो न्याय दिलाने के बजाए सुलह, सुपुर्दगी और जबरिया समझौंतें का हथकंडा अपना कोतवाली पुलिस अपना उल्लू सीधा करती नजर आ रही। कोतवाल रेखा सिंह क़ी इस खाऊं कमाऊ नीति से जहां फरियादी अपने क़ो ठगा महसूस कर रहे वही समस्याए जस क़ी तस बनी हुई हैं। इसी तरह एक प्रकरण में सादे कागज पर हस्ताक्षर बनवा फर्जी सुलह समझौंता कराने क़ी शिकायत कप्तान से क़ी गयी हैं।
बताते चले क़ी कोतवाल रेखा सिंह क़ी कार्यशैली पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हैं। फरियादियों क़ी शिकायत पर न्याय दिलाने के बजाए कोतवाली परिसर में जबरन सुलह समझौता करा ”अपना काम बनता,भाड़ में जाए जनता” कहावत क़ो अमली जामा पहनाया जा रहा। 16 जुलाई क़ो घरेलू विवाद क़ी शिकायत लेकर कोतवाली पहुंची बबली जायसवाल ने शनिवार क़ो कप्तान से शिकायत कर बताया क़ी मामले में सुनवाई के बजाए कोतवाल रेखा सिंह मेरी दीदी क़ो दस पट्टे मारने क़ी बात कर धमकातें हुए शिकायत पर न्याय करने के बजाए सादे कागज पर हस्ताक्षर करा लिया। मामले क़ो गंभीरता से लेतें हुए कप्तान ने जांच क़ी बात कही। यह एकलौता मामला नही इसके पूर्व पेट्रोल टंकी कर्मी से लूट क़ी रकम में हेर फेर के चलते निलंबित पूर्व कोतवाल शरद कुमार प्रकरण में जांच के बजाए पेट्रोल टंकी मालिक से समझौता, चंदापुर गांव में सुन्दारा एवं केवला के बीच जमीन का मामला तहसीलदार कोर्ट में होने के बावजूद खेत जुतवा जबरन सुलह जिसमे पीड़ित अभी भी दरखास्त लिए नाचतें नजर आ रहे। ऐसी बानगी के अलावा भी कई प्रकरण डरा धमका जबरदस्ती सुलह, सुपुर्दगी एवं समझौंतो के चलते चर्चा का विषय हैं जिसमे पीड़ित न्याय क़ी डेहरी पर ठगा अपने क़ो असहाय महसूस करता नजर आ रहा। फिलहाल कोतवाल क़ी इस कार्यशैली से लोगो में आक्रोश देखा जा रहा।
अनुज मौर्य/एडवोकेट अशोक यादव रिपोर्ट