मां की प्रतिमा के सामने रात भर जलता है जगमग ज्योति सुरक्षा की दृष्टि से स्थानीय चौकी प्रभारी मैं सिपाहियों के साथ करते रहते हैं ग्रस्त
जगज्जननी माँ जगदम्बा के तृतीय स्वरूप माँ चन्द्रघण्टा से के दरबार में चरावां के अलावा दर्जनों ग्राम पंचायत के भक्तगण माता जी का जहां दर्शन करते हैं वहीं प्रसाद भी ग्रहण करते हैं आयोजन विजय तिवारी व पवन तिवारी ने बताया कि हम लोग प्रार्थना करते हैं कि माताजी आपसभी भक्तों के मनोरथ पूर्ण करें और सुख, समृद्धि व आरोग्यता प्रदान करें।
विजय मिश्रा ने बताया कि अपने शरणागत की दुर्गति का नाश कर उसको सदगति प्रदान करने वाली शक्ति का नाम ही दुर्गा है इसीलिए दुर्गा दुर्गति नाशिनी भी कहा गया है। दुर्गा शक्ति की उत्पत्ति के पीछे भी बहुत से कारण हैं तथापि मुख्यतः जगत जननी माँ जगदम्बा द्वारा दुर्गम नामक असुर का नाश करने के कारण ही उनका नाम ‘दुर्गा’ पड़ा। कार्यक्रम के आयोजक मंडल के संरक्षक जानवी नंदन तिवारी ने कहा कि दुर्गम अर्थात जिस तक पहुंचना आसान काम नहीं अथवा जिसका नाश करना हमारी सामर्थ्य से बाहर हो।
मनुष्य के भीतर छुपे यह काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार जैसे दुर्गुण ही तो दुर्गम असुर हैं जिनका नाश करना आसान तो नहीं लेकिन माँ की कृपा से असंभव भी नहीं है। किशोर कुमार विश्वास ने कहा कि नारी के भीतर छुपे स्वाभिमान व सामर्थ्य का प्राकट्य ही ‘दुर्गा’ है। परम शक्ति सम्पन व परम वन्दनीय होने पर भी जब-जब समाज में नारी के प्रति एक तिरस्कृत भाव रखा जाएगा, तब- तब नारी द्वारा अपने शक्ति प्रदर्शन का नाम ही ‘दुर्गा’ है। नवरात्र का तृतीय दिवस माँ चन्द्रघंटा को समर्पित है। कार्यक्रम स्थल पर हजारों भक्तगण प्रतिदिन माता जी का दर्शन करते हैं तथा प्रसाद ग्रहण कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
रिपोर्ट- मनोज कुमार तिवारी
धूमधाम से मनाया जा रहा नवरात्रि पर्व
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