रिपोर्ट- Sandeep kumar fiza
लालगंज – रायबरेली। एक कहावत है कि “हिम्मते बंदा मदद ए खुदा” यह मसला शोभवापुर गांव की नवनिर्वाचित महिला प्रत्याशी आशादेवी पर बिल्कुल फिट बैठती है। जिन्होंने भारी झंझावातों का सामना करते हुए डटकर चुनाव लड़ा और विरोधियों द्वारा रचे गए तमाम षड्यंत्रों को विफल करते हुए लगातार तीसरी पीढ़ी मे प्रधानी पद पर कामयाबी का झंडा गाड़ कर दिखा दिया। जिस प्रधानी की सीट को हर कोई कह रहा था कि, इस बार पूर्व प्रधान जगदीश यादव की पुत्रवधू आशा देवी प्रधान पद की कुर्सी नहीं पा पाएगी लेकिन यह बात निर्मूल साबित हुई। पूर्व प्रधान जगदीश सिंह यादव व उनके पुत्र लेखपाल वीरेंद्र सिंह यादव गांव में सबसे लोकप्रिय होने के कारण गांव वालों ने प्रमाण पत्र आशा देवी को जिता कर दे दिया।
आपको बता दें कि लालगंज ब्लॉक क्षेत्र के शोभवापुर ग्राम पंचायत की इस बार सीट पिछड़ा वर्ग महिला होने के बाद लोगों के आग्रह पर पूर्व प्रधान जगदीश सिंह यादव ने अपनी पुत्रवधू आशा देवी को प्रधान प्रत्याशी बनाने की सलाह मान ली। जैसे ही आशा देवी ने प्रधानी का पर्चा भरा विपक्षी लामबंद हो गए और जहां जहां से पूर्व प्रधान जगदीश यादव को थोक में वोट मिलते थे, वह वहां से लोगों को भड़का कर और उकसा कर प्रत्याशी बना दिया।
आलम यह हो गया कि लोगों को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि आशा देवी प्रधानी का चुनाव लड़ भी पाएंगी। चुनाव प्रचार के दौरान आशा देवी ने अपने देवर विजेंद्र सिंह यादव के साथ घर घर जाकर लोगों से संपर्क साधा और निवेदन किया कि इस बार सब लोग उन्हें वोट करे।
चुनाव जब चरम पर पहुंचा तो विपक्षियों ने अफवाहें भी फैलाई, फिर भी गांव के अधिकांशत: लोगो ने एक स्वर से आशा देवी को जिताने का संकल्प ले लिया। और गांव के लोगो ने मतदान के दिन बगैर शोर-शराबे के गांव भर के सभी वर्गों के लोग विशेषकर महिलाएं और युवा वर्ग के लोग ने आक्रामक वोटिंग करके अपना फैसला आशा देवी के पक्ष में दे दिया जो मत पेटी में बंद हो गया। लेकिन विरोधी खेमे में षड्यंत्रकारी ताकते यह मानने को कतई तैयार ही नहीं थी कि पूर्व प्रधान की पुत्रवधू आशा देवी चुनाव जीतेंगी। हार और जीत की बाजिया लगती गई, दावो पर दावे किए जाते रहे, किंतु आशा देवी ने मतदाताओं और इश्वर पर अपनी आस्था बनाए रखी और इसका परिणाम भी 2 मई को सामने आ गया। जबकि मतगणना के दौरान किसी भी प्रकार का कोई उतार-चढ़ाव नही देखने को मिला और गांव के लोगो ने ओसाता किसान वाले चुनाव निशान पर मोहर लगाकर पूर्व प्रधान जगदीश सिंह यादव की झोली भर दी थी और आशा देवी शोभवा पुर ग्राम पंचायत का चुनाव 86 वोटो से जीत चुकी थी।
जनता के इस फैसले को सहज स्वीकार करते हुए आशा देवी के पति लेखपाल वीरेंद्र सिंह यादव ने हमसे बातचीत में बताया कि जनता जनार्दन ही हमारे लिए भगवान है । वही प्रधान पद आशदेवी के पति लेखपाल वीरेंद्र सिंह ने कहा कि मेरे ग्राम सभा कि जनता मेरे परिवार के अच्छे कार्यों से लगातार तीसरी पीढ़ी व पचास सालो से गांव की कमान जनता द्वारा मिलती आयी है | उन्होंने अपने समर्थकों मतदाताओं को हृदय से आभार व्यक्त करते हुए वादा किया कि अब वह पूरी ग्राम सभा के प्रधान हैं, अंतिम सांस तक शोभवापुर गांव की महान जनता की सेवा करने में पूरी ताकत लगा देंगे।