तीन साल चक्कर काटने पर भी नहीं आवंटित हुआ आवास
एक ही बारिश में ढह गया घर , बेघर होने की कगार पर पहुंचा परिवार
रिपोर्ट – राकेश कुमार अग्रवाल
कुलपहाड ( महोबा )। तीन साल तक कच्चे घर को पक्का कराने की मांग को लेकर अधिकारियों की चौखट के चक्कर काटने वाली कुरैशा बेगम का घर पहली ही बरसात में भरभरा कर ढह गया . गमीमत यह रही कि परिवार के लोग बाल बाल बच गए .
शासन और सरकार की अच्छी खासी योजनाओं को बुंदेलखंड आते आते पलीता लग जाता है . झुग्गी , झोपडी और बेघरबार लोगों को पक्का घर दिलाने के लिए चलाई जा रही प्रधानमंत्री आवास योजना कुलपहाड में भ्रष्टाचार की भेंट चढ गई है . नगर के राजावार्ड निवासी कुरैशा बेगम पत्नी रुस्तम 75 वर्ष जो शारीरिक रूप से शिथिल है एवं किसी तरह वाॅकर की मदद से थोडा बहुत चल पाती है . का घर पूरी तरह कच्चा है . कुरैशा तीन साल से प्रधानमंत्री आवास आवंटित कराने के लिए प्रार्थना पत्र देती आ रही है लेकिन उसे आवास आवंटित नहीं हो सका . बीती देर रात आँधी , पानी में कुरैशा का परम्परागत कच्चा मकान भरभराकर ढह गया . संयोग से घर के सदस्य बाल बाल बच गए . घर में कुरैशा का बेटा सलीम समेत 5 लोग हैं . सलीम फेरी लगाकर परिवार का भरण पोषण करता है .
मकान के ढहने से परिवार को बेघर हो जाने का संकट मंडराने लगा है . मकान ढहने की सूचना उच्चाधिकारियों को दे दी गई है .